रतलाम/ताल। ताल तहसील मुख्यालय के ग्राम असावता में रविवार सुबह चंबल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से वहां का हनुमान मंदिर डूब गया। मंदिर में पानी भरता देख, पुजारी शिखर पर जा पहुंचे। जान बचाने के लिए पुजारी 5 घंटे तक शिखर पर ही बैठे रहे। जलस्तर कम होने के बाद वह फिर से मंदिर में आ गए। इधर शाम को पुजारी को मंदिर से निकालने के लिए पानी में उतरे तीन युवक भी फंस गए। तीनों ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। प्रशासनिक अधिकारियों को पता चला तो वे मौके पर पहुंचे। हालांकि अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया।
ताल से करीब 8 किलोमीटर दूर ग्राम असावता के पास चंबल नदी बहती है। नदी के पास पानी की खाल है। हनुमान मंदिर खाल और नदी के बीच है। दो दिन से लगातार हो रही बारिश से नदी व खाल लबालब हो गई। जलस्तर बढ़ने से रविवार सुबह सात बजे मंदिर में पानी भर गया। इससे मंदिर में मौजूद गुरुजी रंगलाल पाटीदार जान बचाने के लिए मंदिर के गुंबज पर चढ़ गए। सुबह 7 बजे से दोपहर करीब 12 बजे तक वे गुंबज पर ही बैठे रहे। उन्होंने मोबाइल फोन से अधिकारियों व ग्रामीणों को पानी से घिरने की जानकारी दी।
एक युवक लौटा, तीन रातभर मंदिर में ही रहेंगे
पुजारी को बाहर लाने के लिए शाम करीब पांच बजे रघुसिंह (33), कमलसिंह (35), दिनेश (25) व गट्टूसिंह (35) पानी में उतरे। रघुसिंह तैरकर मंदिर में पहुंच गया। शेष तीनों युवक बीच में फंस गए। वे आगे बढ़ नहीं पा रहे थे, इसलिए एक झाड़ पर जाकर बैठ गए। पंद्रह-बीस मिनट तक वे पानी के बीच झाड़ पर ही बैठे रहे। इसके बाद रघुसिंह उनके पास पहुंचा और अपने साथ उन्हें मंदिर ले गया। गुरुजी पाटीदार ने फोन पर बताया कि वे और उनके पास आए तीनों युवक सुरक्षित हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ
शाम करीब 5बजे रतलाम से रेस्क्यू दल वहां पहुंचा। शाम साढ़े छह बजे होमगार्ड के डिस्ट्रिक कमांडेट राजेंद्र खिंची भी पहुंचे। इसके बाद एएसपी प्रशांत चौबे ने भी गांव पहुंच कर जानकारी ली। तहसीलदार श्री लुहाड़िया ने बताया कि पुजारी के पास से लौटे रघुसिंह से चर्चा हुई है। पुजारी के पास गए तीनों युवकों व पुजारी से भी मोबाइल फोन पर बात हुई है। शाम को अंधेरा होने से रेसक्यू ऑपरेएशन शुरू नहीं किया गया है। सोमवार सुबह शुरू किया जाएगा।
टेकरी पर 24 घंटे से फंसा है किसान
इधर जावरा तहसील के ग्राम शकरखेड़ी में चंबल नदी के पानी से टेकरी घिर गई है। इससे टेकरी पर गया किसान वहां फंस गया। वह 24 घंटे बाद भी नहीं निकल पाया है। जानकारी के अनुसार केशुराम मालवीय (60) का खेत गांव के पास टेकरी पर हैं। वहां उसने एक मकान बना रखा है। उसमें लहसुन भरा हुआ है।
शनिवार शाम करीब सात बजे वह लहसुन देखने उक्त मकान पर गया था। इसके बाद अचानक चंबल नदी जलस्तर बढ़ गया और टेकरी के आसपास पानी ही पानी हो गया। इसके कारण किसान वापस नहीं आ सका। एसडीएम श्री मिश्र ने बताया कि देरशाम वहां नाव पहुंचा दी गई है। केशुराम सुरक्षित है, उसे सोमवार सुबह नाव के माध्यम से निकाला जाएगा।
