बालाघाट। मध्यप्रदेश में नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में सक्रीय माओवादी नक्सलियों ने शहीदी सप्ताह के 1 दिन पूर्व ही ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सली पर्चे और बैनर बंटवाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी, जबकि नक्सली नेता दिलीप उर्फ गुहा की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस का कहना था कि नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आई है।
माओवादी नक्सलियों के द्वारा प्रतिवर्ष 27 जुलाई से 3 अगस्त तक पुलिस मुठभेड में मारे गये अपनी नेताओं की याद में शहीदी सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान इन लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करते हैं। वहीं अपने नेताओं की स्टेच्यु बनाकर श्रध्दांजली देते हैं।
इस वर्ष भी नक्सलियों के द्वारा वनांचल क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव में टांगे गये बैनर, चिपकाये गये पोस्टरों में शहीदी सप्ताह मनाये जाने का उल्लेख किया है। नक्सलियों ने अपनी सशक्त गतिविधियों का अहसास दिलाते हुये दक्षिण बैहर क्षेत्र के गांव में जहां परचे वितरित किये हैं वहीं उसी क्षेत्र के चौक चौराहों और मुख्य मार्ग पर बैनर टांग दिये है हांलाकि इसकी सूचना मिलने पर जब चिन्हित गांव का दौरा कर जमीनी जानकारी ली गई तो बैनर पोस्टर नही मिले किन्तु ग्रामीणों ने इसकी पुष्टि करते हुये बताया की सोनगुडडा बिठली मार्ग के बंजारी मंदिर के समीप सडक के किनारे एक बडा पोस्टर लगाया गया था।
इसी तरह बिठली पाथरी मार्ग के ग्राम नव्ही ग्राम पंचायत मुख्यालय के समीप एक पेड में बैनर बांध दिया गया था जो 26 जुलाई की शाम 7 बजे तक लगा हुआ था जिसे पुलिस के कुछ आदमी उक्त बैनर को उतार ले गये।
नक्सलियों के द्वारा वनांचल क्षेत्र के प्रभावित गांव में वितरीत किये गये पोस्टर और टांगे गये बैनरों में यह उल्लेख किया है कि जंगल जमीन पर आदिवासियों का अधिकार होना चाहिये। वहीं ग्रामीणों से आव्हान करते हुये कहा की मध्यप्रदेश और केन्द्र की सरकार मजदूर विरोधी है तथा इन दोनो सरकारों की नीतियों की आलोचना की आलोचना की है। वहीं नव्ही के आगे ग्राम पिपरटोला में वितरित किये गये परचों में नक्सली नेता दिलीप उर्फ गुहा के बारे में उल्लेख किया है कि उसे दल से निष्कासित कर दिया था। जिसे पुलिस द्वारा वाहवाही लुटने के आशय से उसे नक्सली और पुलिस की मुठभेड में गिरफ्तार किया जाना बताया जा रहा है।
नक्सलियों के द्वारा क्षेत्र में बैनर और पर्चे बाटे और बांधे जाने की खबर लगने पर जब ग्राम नव्ही, जगला, पिपरटोला, जालदा, मण्डवा आदि गांवों का दौरा कर जानकारी ली गई तो हैरत की बात यह समझ में आई कि इन क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियां होने के बावजूद भी पुलिस सर्चिंग देखने को नही मिली।
ग्रामीणों से यह भी जानकारी मिली है कि वर्तमान में नक्सलियों की संख्या 80 के करीब हैं जिनमें अधिकांश चेहरे नये हैं जो छत्तीसगढ और महाराष्ट्र से आये हुये हैं। शहीदी सप्ताह के 2 दिन पूर्व से ही उनकी सक्रीयता को यह अहसास दिलाता है कि उन क्षेत्र की पुलिस चौकियों में भारी संख्या में सशस्त्र बल होने के बावजूद भी सर्चिंग व्यवस्था नगण्य है। हांलांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी यह कह रहे हैं कि पुलिस की सर्चिंग जारी है।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने बताया की नक्सलियों की उपस्थिति की जानकारी मिल रही है। नव्ही और बिठली सोनगुडडा मार्ग के बंजारी घाट पर बैनर बांधे जाने की भी सूचना मिली है जिसे स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से नक्सलियों के द्वारा बैनर, पोस्टर एवं पर्चे वितरीत किये गये हैं सूचना पर पुलिस सर्चिंग बढा दी गई है।