जबलपुर। सागर नया बाजार स्थित पुरानी फल सब्जी मण्डी में कब्जाधारियों व्यापारियों को उच्च न्यायालय जबलपुर ने किसी भी प्रकार की राहत देने से इंकार किया। कृषि उपज मण्डी समिति सागर द्वारा समस्त अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों को स्पीकिंग आदेश जारी कर पुरानी फल सब्जि मण्डी व्यापारियों को अवगत करा दिया गया था कि निर्धारित समय सीमा में उक्त स्थल खाली कर मण्डी समिति को कब्जा सौपें अन्यथा मण्डी अधिनियम की धारा 22 के तहत कार्यवाही कर स्थल रिक्त करा दिया जाएगा, ततसंबंधी सूचना मण्डी प्रशासन द्वारा स्थानीय अखबारों में जाहिर सूचना के नाम से प्रकाशित किया जा चुका था।
मण्डी समिति की उक्त समस्त कार्यवाही की वैधानिकता को उक्त स्थल को अतिक्रमण करने वाले 23 व्यापारियों द्वारा उच्च न्यायालय में 21/07/2015 को याचिका दायर की गयी थी। उक्त याचिका की प्रारंभिक सुनवाई 27/07/2015 को माननीय न्यायमूर्ति श्री एस.के. गंगेले की बैंच द्वारा की गई, सुनवाई के दौरान मण्डी समिति का पक्ष अधिवक्ता आर0पी0 सिंह द्वारा केार्ट को अवगत कराया गया कि पिटिशनर्स सहित लगभग 47 व्यक्तिगत मण्डी समिति की भूमि पर अवैधानिक रूप से कब्जा किये है। जिसे हटाने के पूर्व संबंधितों को विधिवत सूचना पत्र जारी कर अवगत कराया जा चुका है तथा जो विवादित स्थल में मण्डी समिति सागर के अनुज्ञाप्तिधारी है उन्हें नया फल सब्जि मण्डी प्रांगण में वर्ष 2004 में दुकाने आवंटित की जा चुकी है उक्त व्यापारियों द्वारा दो दुकानें अपने कब्जे में रखे हुये है जो मण्डी अधिनियम के तहत अवैधानिक है ऐसी स्थिति में मण्डी समिति मण्डी अधिनियम की धारा 22 के तहत जिला पुलिस प्रशासन की मदद से प्रागंण से अतिक्रमण हटाकर अपने कब्जे में ले सकती है।
ज्ञातव्य हो कि उपरोक्त 23 अतिक्रमण करने वाले व्यापारियों द्वारा हाईकोर्ट में वर्ष 2009 में याचिकायें दायर कर स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। उक्त याचिकाओं की विस्तृत सुनवाई कर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 17/06/2015 को निराकरण करते हुये आदेश पारित किया था कि संबंधित पक्षकार मण्डी समिति सागर को एक सप्ताह की अवधि के भीतर लिखित मेें अभ्यावेदन प्रस्तुत करें जिस पर मण्डी समिति 7 दिवस के भीतर स्पीकिंग आदेश जारी कर संबंधितों को सूचित करे तदानुसार मण्डी समिति सागर द्वारा संबंध समस्त व्यापारियों को स्पीकिंग आदेश जारी कर 02/07/2015 को रजिस्टर्ड डाक द्वारा अवगत कराया जा चुका था तथा संबंधितों को तीन दिवस के अंदर पुरानी फल सब्जि मण्डी से टपरा एंव दुकाने हटाने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के विरूद्ध पूर्व पिटीशनरों द्वारा पुनः याचिका दायर की गई थी।
व्यापारियों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता श्री विशाल धगड़ द्वारा तर्क दिया गया कि उक्त जमीन पर किरायेदारी की हैसियत से पिटीशनर काबिज है तथा नियमित रूप से किराया मण्डी समिति को अदा किया जाता रहा है, ज्ञातव्य हो कि उक्त तर्क को बल देने हेतु रिकार्ड पर ना तो किरायानामा था और ना ही अदा किया गया किराये की राशि की रसीदे प्रस्तुत की गयी है। उक्त तर्क को कोर्ट द्वारा खारिज करते हुये मण्डी समिति की ओर से पैरवी कर हरे अधिवक्ता रामेश्वर पी0सिंह के तर्को से सहमत होते हुये विस्तृत आदेश पारित कर मण्डी समिति सागर द्वारा जारी स्पीकिंग आदेश को तर्क संगत मानते हुये उक्त याचिका निरस्त कर दी है। साथ ही व्यापारियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता द्वारा कोर्ट के समक्ष कहा गया कि मण्डी समिति द्वारा बलपूर्वक हटाया जा रहा है जिस पर कोर्ट द्वारा कहा गया कि मण्डी समिति के समक्ष व्यापारी अंडरटेकिंग देकर परिसर से कब्जा हटाकर मण्डी समिति को सौंपे अन्यथा निर्धारित समय अवधि के पश्चात् मण्डी समिति कार्यावाही करने स्वतंत्र है।