पहले ताई, अब दीदी: कैलाश की किस्मत में महिलाओं की राजनीति

उपदेश अवस्थी/भोपाल। केन्द्र की राजनीति के लिए उतावले कैलाश विजयवर्गीय को पद के बाद प्रभार भी मिल गया और इसी प्रभार के साथ एक बार फिर कैलाश की कुण्डली में एक महिला आ बैठी। सब जानते हैं कि कैलाश का आधा कॅरियर 'ताई से लड़ाई' में बीता है, अब उनकी किस्मत में 'दीदी' आ गई।

नवनियुक्त महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को पार्टी ने पश्चिम बंगाल में कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है। राज्य में अगले वर्ष विस चुनाव होने हैं। पार्टी ने कुछ अन्य महासचिवों के प्रभार भी बदले हैं। हरियाणा में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी सौंपना बड़ा फैसला माना जा रहा है।

राज्य में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस माकपा व कांग्रेस को हाशिये पर छोड़ सत्ता में आई है, वहीं भाजपा राज्य में कमल खिलाने का बेताब है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दो सीटें जीतकर पांव जमाने की कोशिश की है।

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