कैलाश के काफिले में फंसी नवजात की मौत

भोपाल। हर तरफ सैकड़ों वाहन फंसे हुए थे। चारों तरफ से तेज आवाजें आ रही थीं। जिसके कारण कुछ भी ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था। सुनाई दे रहा था तो बस कैलाश विजयवर्गीय जिंदाबाद के नारे की गूंज। दरअसल, यह बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की रैली थी। इसमें आए 3000 वाहनों की रेलमपेल में एक एंबुलेंस भी फंसी हुई थी। जिसमें एक घंटे पहले पैदा हुई एक बच्ची जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही थी। रैली में 40 मिनट तक एंबुलेंस के फंसे रहने के कारण बच्ची को समय पर ऑक्सीजन न मिल सका और अस्पताल पहुंचने के बाद एक घंटे के अंदर ही बच्ची ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के डॉ. मरावी ने कि अगर बच्ची आधा घंटा पहले भी यहां पहुंची होती तो शायद वह जीवित होती। देर होने से स्थिति गंभीर हो गई थी।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव की स्वागत रैली के कारण हुई देरी
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद पहली बार भोपाल आए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की स्वागत रैली की वजह से बैरागढ़ से लेकर सात नंबर स्टॉप स्थित बीजेपी कार्यालय तक शाम 6 से रात 8 बजे तक सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।

एंबूलेंस को रोककर आतिशबाजी चलाई
स्वागत रैली ने तकरीबन दो घंटे तक सैकड़ों को वाहनों को सड़क पर रेंगने को मजबूर कर दिया। इस जाम में दो स्थानों पर एंबुलेंस भी फंसी रही। रैली जिस सड़क से गुजरी, वहां गाड़ियों के पहिए थम गए। विजयवर्गीय शनिवार को महासचिव बनने के बाद पहली बार इंदौर से रैली लेकर भोपाल आए थे। ट्रैफिक जाम की शुरुआत लालघाटी से हुई। यहां विजयवर्गीय का स्वागत करने मंच बनाया गया था। यहां थमी गाड़ियों के पीछे रेतघाट, कमला पार्क, पॉलीटेक्निक चौराहे पर भी जाम लगा रहा।

रैली में करीब चार सौ वाहन थे। रैली जैसे-जैसे आगे बढ़ी गाड़ियों की संख्या बढ़ती गई। ट्रैफिक पुलिस की क्रेन रैली के साथ चल रही थी। जहां कोई गाड़ी खराब हुई तो उसे क्रेन से हटाकर सड़क किनारे खड़ा किया गया। लिंक रोड नंबर-1 के बीआरटीएस कारीडोर में ट्रैफिक पुलिस ने विजयवर्गीय के समर्थकों के वाहन पार्क कराए थे।

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