कलेक्टर ने पीड़ित आदिवासियों को दुत्कार भगाया: नहीं सुनी शिकायत

भोपाल। बालाघाट कलेक्टर द्वारा मृत व्यक्ति को अपराधी बताकर ज्ञापन लेने से इंकार करने के बाद दमोह में कलेक्टर ने वनविभाग के हमले में घायल हुए आदिवासियों की शिकायत सुनने से इंकार कर दिया, उन्हे यह कहते हुए भगा दिया कि जैसा किया है वैसा भरना पड़ रहा है। आदिवासियों का कहना है कि वनविभाग ने उन पर हमला किया, 27 लोग घायल हुए, इसके बाद वनविभाग ने उनके खिलाफ झूठी FIR भी करा दी। अब कलेक्टर भी नहीं सुन रहे।

ये है वाक्या
शुक्रवार दोपहर लगभग तीन बजे जरूआ गांव के आदिवासी महिला पुरुष बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ एकता परिषद के जिलाध्यक्ष सुजात खान भी थे। ये लोग कलेक्टर व कमिश्नर के नाम ज्ञापन देने यहां आए थे। उनका कहना था कि वन विभाग व पुलिस ने उन पर अत्याचार किया उन्हें पीटा व उनके खिलाफ ही झूठी रिपोर्ट कर दी। इस मामले की जांच कराई जाए। प्रभारी कलेक्टर उस समय कलेक्ट्रेट में नहीं थे इसलिए आदिवासियों ने एसएलआर वर्षा दुबे को ज्ञापन दिया। कुछ ही देर में प्रभारी कलेक्टर डॉ. जेसी जटिया कार्यालय पहुंच गए।

'नेतागिरी करने की जरूरत नहीं'
एकता परिषद जिलाध्यक्ष श्री खान ने जैसे ही आदिवासियों की समस्या के संबंध में प्रभारी कलेक्टर को अवगत कराना चाहा, उन्होंने पूरी बात सुनने से पहले ही कहा आप कौन। श्री खान ने जब अपना परिचय दिया तो प्रभारी कलेक्टर ने कहा कि यहां नेतागिरी करने की जरूरत नहीं है। आप जाइए और इनन लोगों को भी यहां से ले जाइए। जो गलत करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। श्री खान ने उन्हें पुनः आदिवासियों की समस्या से अवगत कराने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने यहां से शीघ्र ही चले जाने कह दिया।

  • ये हैं आदिवासियों की मांगें
  • पीड़ितों की तरफ से दोषी वनकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए और मामले की जांच कराई जाए।
  • वनकर्मियों के हमले में घायल आदिवासियों के उपचार की उचित व्यवस्था कराई जाए।
  • जांच पूरी होने तक किसी भी तरह की कार्रवाई व बेदखली पर रोक लगाई जाए।
  • वर्षों से काबित आदिवासियों को वन अधिकार पत्र दिए जाएं और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।


सौंपी 27 घायलों की सूची
वन विभाग ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है कि आदिवासियों ने वनकर्मियों पर हमला किया है। वहीं आदिवासियों का कहना है कि वन व पुलिसकर्मियों ने उन्हें घेरकर मारा। महिलाओं व बच्चों को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने अपने ज्ञापन में 27 ऐसे महिला पुरुषों के नाम दिए हैं जिन्हे मारपीट में चोटें आईं हैं। उनका कहना है कि उनके साथ मारपीट की और उन्हीं के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करा दिया गया है, जो गलत है। 

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