व्यापमं घोटाले में कुछ और रहस्यमयी मौतें उजागर

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इंदौर। व्यापमं मामले से जुड़े लोगों की मौतें, जिन्हे परिवारजन सामान्य या दुर्घटना मान रहे थे, अब फिर से रिव्यू कर रहे हैं और रिव्यू के दौरान चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ रहे हैं। यहां तीन ऐसी मौतें हैं जो व्यापमं से जुड़ीं हैं और अब उनके परिजनों का मानना है कि मामला संदिग्ध है।

संयोगितागंज पुलिस ने 2013 में मेडिकल छात्र ओमप्रकाश, अभिनव कटारे, प्रशांत मौर्य व महेंद्रसिंह चौहान को फर्जीवाड़े में शामिल पाया था। कॉलेज प्रबंधन ने जांच बैठाई और उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया। सभी पर केस दर्ज होता, इसके पहले ही महेंद्र के पिता का चौंकाने वाला पत्र मिला कि 31 जुलाई 2011 को सड़क हादसे में उसकी मौत हो चुकी है।

नितिन महिंद्रा गिरोह से जुड़े थे तार
कॉलेज डीन की रिपोर्ट पर पुलिस ने 21 दिसंबर-13 को ओमप्रकाश, अभिनव व प्रशांत के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाई और छात्रों ने हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत करवा ली। तत्कालीन डीएसपी जेडी भोंसले ने पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन गिरोह के बारे में कुछ नहीं बताया। पुलिस ने कुछ और लिंक तलाशे तो पता चला अभिनव का संपर्क भोपाल जेल में बंद संतोष गुप्ता से है। गुप्ता, नितिन महिंद्रा के लिए काम करता था। पुलिस रिकॉर्ड में गुप्ता का नाम दर्ज होते ही अभिनव व परिवार को फंसाने की धमकियां मिलना शुरू हो गईं।

बारिश में पड़ी मिली थी लाश
महेंद्र के पिता रामसिंह चौहान बैंककर्मी हैं। उनके अनुसार, घटना रात करीब 8 बजे की है। महेंद्र बाइक से घर लौट रहा था। तेज बारिश हो रही थी। कुछ देर बाद सूचना मिली कि उसकी लाश पड़ी हुई है। बाइक फिसलने से हाथ टूट गया था और सिर में गहरी चोंट आई थी। कॉलेज द्वारा उसे व्यापमं मामले में पेश करने का पत्र मिला, तब तक बेटे की मौत हो चुकी थी। एएसपी देवेंद्र पाटीदार के मुताबिक मामला विवेचना में है। डीन ने महेंद्र के नाम केस दर्ज नहीं करवाया था।

विकास की तो केस डायरी ही गायब
वेटरनरी कॉलेज के छात्र विकाससिंह ठाकुर की मौत भी इसी तरह संदिग्ध हालात में 21 नवंबर 2011 को बॉयस होस्टल में जहर खाने से हुई थी। पुलिस ने जांच कर फाइल बंद कर दी है। 2013 में जबलपुर पुलिस की जांच में खुलासा हुआ विकास घोटाले में शामिल है। उसके खिलाफ केस दर्ज कर जांच की तो थाने से केस डायरी गायब मिली। एसआईटी द्वारा कई बार पत्र लिखने के बाद भी डायरी नहीं मिली।

डॉक्टर की मौत के बाद खुला केस
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर रवि पिता पन्‍नालाल पिप्पल निवासी स्नेहनगर भोपाल ने 25 अक्टूबर 2012 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक साल पूर्व पता चला कि पिप्पल को सागर एसआईटी तलाश रही है।

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