मयंक तिवारी/गैरतगंज। तहसील मुख्यालय पर स्थित कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में मैंटेनेंस के लिए पर्याप्त बजट आया लेकिन मैंटेनेंस नहीं हुआ। नतीजा स्कूल तालाब बन गया और पढ़ाई चौपट हो गई।
इस स्कूल में कुल 650 छात्राएं हैं। बैठने के लिए कुल चार कमरे। वो भी पानी से लबालब हो गए। मरम्मत के लिए हर साल बजट मिलता है, लेकिन मरम्मत नहीं होती। जनप्रतिनिधियों से दवाब बनवाकर नया भवन स्वीकृत कराने का उपक्रम चल रहा है। इसलिए नहीं कि छात्राओं को सुविधा मिले, बल्कि इसलिए कि नए भवन के लिए नया बजट मिले और दीपावली के लिए कुछ कमाया जा सके। शिक्षा विभाग में व्याप्त इसी तरह के भ्रष्टाचार ने स्कूलों के निजीकरण की राह खोल दी है।