भोपाल। माना कि कैलाश विजयवर्गीय के मन की मुराद पूरी हो गई, लेकिन बीते रोज भोपाल अपना स्वागत कराने आए कैलाश विजयवर्गीय के सिर पर अजीब सी हवस सवार थी। जो कुछ इस एक दिन में हुआ, वैसा तो पिछले 10 सालों में खुद कैलाश ने नहीं किया।
पूरा हाईवे जाम किया
इंदौर से भोपाल आ रहे कैलाश विजयवर्गीय ने करीब 3000 वाहनों की रैली निकालने की योजना बनाई। समर्थकों का दावा है कि 1000 से ज्यादा वाहन रैली में शामिल थे। इंदौर से जैसे ही कैलाश विजयवर्गीय समेत 1000 वाहनों का काफिला निकला। पूरा इंदौर भोपाल हाइवे ही जाम हो गया। किसी को ओवरटेक नहीं करने दिया गया। अजीब किस्म की हवस सवार थी यातायात जाम कर देने की। भोपाल शहर में आने के बाद भी हालात यही रहे। पूरा ट्रेफिक जाम रहा।
मासूम की मौत पर भी नहीं जताया खेद
कैलाश विजयवर्गीय के इस काफिले में फंसी एक एम्बूलेंस को भी रास्ता नहीं दिया गया। उल्टा एंबूलेेंस के सामने आतिशबाजियां चलाईं गईं। इसमें एक घंटे पहले जन्मी एक कन्या सवार थी, जिसे दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था। काफिले में फंसने के कारण वह अस्पताल नहीं पहुंच पाई और मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब सूचना मिलने के बाद भी कैलाश विजयवर्गीय ने खेद तक नहीं जताया।
पत्रकार की मौत पर दानवों की हंसी
स्वागत समारोह के दौरान सीएम शिवराज सिंह ने मीडिया पर सेंसरशिप लागू की। बोले कैलाश के अलावा काई सवाल ना करना। पत्रकारों ने जब कैलाश विजयवर्गीय से इस संदर्भ में सवाल किया तो कैलाश बोले 'पत्रकार वत्रकार क्या होता है, हमसे बड़ा है क्या पत्रकार' इसके बाद वो दानवों सी हंसी हंसे। वो चाहते थे कि आज के दिन कैलाश विजयवर्गीय के अलावा मीडिया किसी पर भी फोकस ना करे।