भोपाल। यदि आप विकीपीडिया और गूगल के बारे में थोड़ी सी जानकारी भी रखते हैं तो मप्र की पशुपालन, मत्स्य विकास एवं उद्यानिकी मंत्री कुसुम मेहदेले से सोमवार को हुए एक सवाल जवाब पर आप अपना सिर धुन लेंगे।
ये गया सवाल
विधानसभा में सोमवार को एक पत्रकार महोदय ने प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें बताया कि गूगल के अनुसार व्यापमं को दुनिया के 20 बड़े घोटालों में गिना जाने लगा है।
ये आया जवाब
तो मंत्री महोदया ने कहा कि झूठ बोल रहा है गूगल। व्यापमं मामले की अभी जांच ही नहीं हुई तो गूगल कैसे उसे बड़ा घोटाला बताने लगा। वह कोई जांच एजेंसी है क्या, इस मामले में उसकी प्रामाणिकता क्या है? वह झूठ बोल रहा है।
और ये तड़का
इस मुद्दे पर कांग्रेस विधायक मुकेश नायक ने कहा कि कुसुम महदेले तो कैलाश विजयवर्गीय को नोबल पुरस्कार मिलने की बात तक कह चुकी हैं, उनका सामान्य ज्ञान हम सभी जानते हैं।
कुल मिलाकर सवाल ही सही नहीं था। फिर भी मंत्री महोदया ने उबलता हुआ जवाब दे मारा। शायद उन्हें पता ही नहीं कि गूगल होता क्या है। वो तो बस व्यापमं सुनते ही भड़क उठीं। पार्टी लाइन चल रही है, व्यापमं के सवालों पर तीखे जवाब दो, सो दे डाला।
बार में कांग्रेस के युवा विधायक जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि व्यापमं घोटाला विकीपीडिया में 17 वें नंबर है।
हम बता दें कि इस तरह की रैंकिंग विकीपीडिया पर होती है। गूगल पर नहीं और विकीपीडिया के मापदण्डों को आज तक चुनौती नहीं दी जा सकी है। उसके संकलन और रेटिंग की तकनीक पूरी तरह से लोकतांत्रिक है। उसमें कोई घोटाला हो ही नहीं सकता। यदि इससे बड़ा कोई घोटाला सामने आएगा तो यह अपने आप नीचे चला जाएगा।