बारिश ने बर्बाद कर दिया 400 स्टूडेंट्स का करियर, सरकार को तरस नहीं आया

भोपाल। यूं तो प्राकृतिक आपदाओं में सभी नियम शिथिल कर दिए जाते हैं, लेकिन AIPMT के नियम बिल्कुल नहीं बदले। तेज बारिश के बावजूद मात्र 5 मिनट देरी से पहुंचे स्टूडेंट्स को प्रवेश नहीं दिया गया। उनका करियर चौपट हो गया।

राजधानी में करीब 400 बच्चे परीक्षा देने से वंचित रह गए। परीक्षा सेंटर पर पांच मिनट लेट पहुंचने के कारण उन्हें एंट्री नहीं दी गई। परीक्षा देने से वंचित रह गए स्टूडेंट्स परीक्षा सेंटर पर ही रोने लगे। मामले की जानकारी मिलने के बाद कुछ अधिकारी वहां पहुंचे। स्टूडेंट्स ने उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा।

एआईपीएमटी की परीक्षा 10 बजे से थी, स्टूडेंट्स को साढ़े नौ बजे तक परीक्षा सेंटर पर रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। भोपाल सहित आसपास के इलाकों में जोरदार बारिश के कारण बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स समय पर भोपाल नहीं पहुंच सके। किसी की ट्रेन लेट हो गई, तो कोई सड़क बंद होने की वजह से लेट पहुंचा। भोपाल में तकरीबन 18 सेंटर्स थे और हर सेंटर पर कुछ स्टूडेंट्स परीक्षा देने से रह गए। परीक्षा सेंटरों ने 9 बजकर 35 मिनट पर आने वाले स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं दी, जबकि परीक्षा 10 बजे से शुरू होना थी।

यह स्टूडेंट्स के साथ अन्याय है
तेज बारिश, बाढ़ या भूकंप प्राकृतिक आपदाएं हैं। ऐसे हालात में समस्त नियम शिथिल हो जाते हैं, परीक्षाएं भी रद्द कर दी जातीं हैं। सरकारें तक प्राकृतिक आपदाओं के कारण समय सारणी का पालन नहीं कर पातीं और ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की सजा को माफ किया जाता है परंतु AIPMT की परीक्षा में ऐसा कुछ नहीं किया गया। यह स्टूडेंट्स के साथ सीधा अन्याय है। प्राकृतिक आपदाओं के मामले में नियम शिथिल किए जाने चाहिए थे।

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