भोपाल। राज्य शासन ने राज्य शिक्षा सेवा के अंतर्गत एरिया एजुकेशन आफिसर के लिए परीक्षा 2013 में आयोजित की थी, जिसमे करीब जिसमे सभी संवर्गो के लगभग 23 हजार पात्र शिक्षक व अध्यापको ने भाग लिया था व उक्त परीक्षा में लगभग 23 हजार पात्र अभ्यार्थी मेरिट में आये थे और मेरिट में आने वालो में अध्यापक संवर्ग के पात्र अभ्यार्थियो की संख्या अधिक थी।
जिसके विरोध में शिक्षक संवर्ग द्वारा उक्त परीक्षा को निरस्त कर पुनः कराने हेतु हाईकोर्ट में केस किया गया था। जिसको हाई कोर्ट द्वारा खारिज करते हुए 9 अगस्त 2014 को फेसला सुनाया की मेरिट में आये समस्त अध्यापकों को एरिया एजुकेशन आफिसर के पद पर नियुक्ति दी जाए।
उक्त फेसले के विरोध में पुनः राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में अपील की गई थी की परीक्षा में शिक्षक संवर्ग के कई वरिष्ठ शिक्षक पीछे रह गए है पुनः परीक्षा कर उनको मौका दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने उक्त अपील को खारिज करते हुए फ़ैसला सुनाया की पहले मेरिट में आये साथियो की नियुक्ति की जाए व अन्य को आगामी चयन परीक्षा में मौका दिया जाए।
उक्त निर्णय के बाद भी विभाग द्वारा किसी तरह की कार्रवाही ना करने को देखते हुए अध्यापक संवर्ग द्वारा माननीय न्यायालय में अवमानना याचिका लगाईं गई थी जिसके सम्बन्ध में सरकार को 22 जून तक अपना पक्ष रखना था।
माननीय हाईकोर्ट की अवमानना याचिका के जबाब में दिनांक 7/7/15 को शिक्षा विभाग ने अपना जबाब प्रस्तुत किया व चयन व नियुक्ति में हुई देरी को स्वीकार करते हुए प्रशासनिक त्रुटी व सर्कुलर व विज्ञापन में होने वाली विसंगति को स्वीकारा है व जल्दी से जल्दी उक्त कारवाही को नियमानुसार करने की बात कही हैं।
जिससे एक बार पुनः मेरिट में आये अध्यापक साथियो को न्यायपूर्ण कार्रवाही चयन व नियुक्ति की उम्मीद जगी है अब देखना है की विभाग उक्त कारवाही कितने समय में पूर्ण करता है।
इनपुट: मुश्ताक खान, भोपाल एवं सुबोध झारिया, जबलपुर।