भोपाल के एक घर से निकले कोबरा के 12 बच्चे

भोपाल। मप्र की राजधानी के नजदीक गांव ठीकरी के घर में कोबरा ने एक साथ 25 बच्चे दिए थे। इन्हें पकड़ने के लिए भोपाल से सर्प विशेषज्ञ को बुलाया गया, सर्प विशेषज्ञ को 12 सांप पकड़ने में करीब 4 दिन लगे।

ठीकरी गांव के मंगेश नामदेव के घर कोबरा सांप ने इन बच्चों को जन्म दिया था।नामदेव के घर के सेप्टीक टैंक के पास यह बच्चे दिए थे। ये बच्चे धीरे-धीरे करके घर के अंदर पहुंच गए। कोई बच्चा किचन से निकला, तो कोई बाथरूम में पाया गया। एक के बाद कई छोटे सांप दिखे, तो घर वालों ने डर कर सर्प विशेषज्ञ सलीम को फोन किया। मंगेश नामदेव के मुताबिक सर्प विशेषज्ञ ने तीन दिन तक रात में दो बजे तक बैठकर करीब 12 सांप पकड़े। उससे पहले हम करीब 10 बच्चों को पकड़कर जंगल में छोड़ आए थे।

जानिए कोबरा की विशेषताएं
सांप के करीब 12 बच्चे पकड़ कर सर्प विशेषज्ञ सलीम ने शुक्रवार को एक स्नैक शो भी किया, जिसमें इन बच्चों के बारे में लोगों को जानकारी दी गई। सलीम ने बताया कि फन को छोड़कर कोबरा सांप का बच्चा बिल्कुल पानी वाले सांप जैसा दिखता है। इसका फन उठाना ही इसकी पहचान है। सलीम ने बताया कि कोबरा के बच्चे यदि काट लें तो दो घंटे के अंदर इलाज मिलना जरूरी है। वहीं यदि बड़ा कोबरा काटे तो आधे घंटे के अंदर इलाज चाहिए होता है। कोबरा के बच्चे में जहर की मात्रा थोड़ी कम होती है।

बहुत कम दिखते हैं कोबरा सांप के बच्चे
सर्प विशेषज्ञ के मुताबिक कोबरा सांप के बच्चे काफी कम देखे जाते हैं, क्योंकि कोबरा सांप अकसर ऐसी जगह अंडे देते हैं जहां कोई दखल नहीं दे सके। कोबरा के अंडे देने के 70 दिनों बाद इसमें से बच्चे निकलते हैं, जिन्हें पदम भी कहा जाता है। आषाढ़ से क्वांर महीने तक सांप बच्चे देते हैं।

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