भोपाल। राजधानी में दोपहर को कांग्रेस ने मैग्नीज खदान घोटाले का खुलासा किया, शाम को सरकार ने खंडन कर दिया। शिवराज सरकार की ओर से बताया गया कि कांग्रेस के सारे आंकड़े ही फर्जी हैं। जिस गांव की वो बात कर रहे हैं, वहां कोई मैग्नीज खदान है ही नहीं। अब बॉल कांग्रेस के पाले में है, यदि कांग्रेस के आरोप सही हैं तो उसे प्रमाणित करना होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने सीएम शिवराज की पत्नी को खदान आवंटित करने के आरोप को कांग्रेस का झूठ करार दिया. मध्य प्रदेश सरकार ने गुरुवार को कांग्रेस के इस आरोप को नकार दिया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पद का दुरुपयोग कर अपनी पत्नी साधना सिंह के आधिपत्य वाली कंपनी एसएस मिनरल्स को बालाघाट जिले में मैग्नीज खदान आवंटित किया है. सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री या उनकी पत्नी की कोई कंपनी ही नहीं है, कांग्रेस के आरोप झूठे व निराधार हैं.
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देने के लिए सरकार की ओर से उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता सामने आए. उन्होंने बालाघाट जिले में आवंटित की गई खदानों के 1991 से 2014 तक के दस्तावेज जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिस गांव का जिक्र किया है, वहां मैगनीज खदान ही नहीं है. साथ ही जो खसरा नंबर बताया गया है वह जगनटोला में है और वह खदान लीला भलावी के नाम आवंटित है. उस खदान पर उनके बेटे अशोक उईके का आधिपत्य है.
गुप्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बालघाट में कोई खदान एसएस मिनरल्स को नहीं दी गई है, जब पूछा गया कि इस नाम की कोई संस्था है तो उन्होंने जानकारी से इनकार किया. साथ ही दावा किया कि मुख्यमंत्री या उनकी पत्नी साधना सिंह की कोई फर्म नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस को शिवराज-फोबिया है और वह उन पर यूं ही तरह-तरह के आरोप लगाती रहती है.