सेंट्रल डेस्क/कोलकाता। यहां एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है। एक प्रख्यात स्कूल की महिला संगीत शिक्षक को अपने पालतू कुत्तों की मौत का इस कदर सदमा पहुंचा कि उसने खानापीना छोड़ दिया और मर गई, उसके भाई ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और 6 महीने से अपनी बहन के कंकाल के साथ रह रहा है, राज तो तब खुला जब बीते रोज उसके पिताजी ने आत्महत्या कर ली।
अति. पुलिस आयुक्त पल्लब कांति घोष ने बताया कि बीती रात की घटना के बाद फ्लैट के बाहर दो जवान तैनात किए गए थे। फ्लैट के बाहर पुलिस जवानों को देख डे का बेटा पार्थो [45] असामान्य हरकतें करने लगा। पुलिस ने पहले सोचा कि पिता की मौत के कारण वह ऐसा व्यवहार कर रहा है, लेकिन जब उससे पूछताछ की गई तो वह खुला और उसने बताया कि उसने अपनी बहन व दो पालतू कुत्तों के कंकाल घर में रख रखे हैं।
पुलिस ने घर के कमरे की छानबीन की तो तीन कंकाल मिले। एक पार्थो की ब़़डी बहन देवयानी [50] का व दो पेट्स के थे। एक अन्य रूम से पिता द्वारा कथित तौर पर लिखा गया सुसाइड नोट भी मिला। इसमें लिखा है कि उनकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।
पूछताछ में पार्थो ने बताया कि अगस्त 2014 में दोनों कुत्तों की मौत हो गई थी, इसके बाद देवयानी बहुत दुखी रहने लगी और उसने दोनों कुत्तों के कंकाल को घर में ही संभालकर रख लिया। अवसाद में उसने भी खाना-पीना छोड़ दिया और बहुत कमजोर हो गई। आखिर दिसंबर 2014 में उसकी भी मौत हो गई।
एसीपी घोष ने बताया कि जांच में कंकालों के पास भारी मात्रा में सूखे मेवे मिले, पार्थो ने बताया कि वह अपनी बहन व पेट्स को ये खिलाता था। पुलिस का मानना है कि पार्थाे बहन की मौत हो गई है, यह मानने को तैयार नहीं था, इसलिए उसने अंतिम संस्कार नहीं किया। उसे मानसिक चिकित्सालय भेजा गया है। उसका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है कि वह मनोरोगी है या ढोंग कर रहा है। तीनों कंकालों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
मां की मौत के बाद छोड़ी नौकरी
पांच साल पहले मां की मौत के बाद पार्थो ने टीसीएस में अपनी नौकरी छोड़ दी थी तथा वह घर में बहन देवयानी व पिता के साथ रहने लगा। उसकी बहन शहर के एक नामी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में संगीत की शिक्षिका थी।
बदबू न फैले इसलिए पैक कर रखा था फ्लैट
पार्थो ने फ्लैट के दरवाजों व खिड़कियों को मोटे कपड़ों से पैक कर रखा था, सड़े शवों की बदबू बाहर न फैल सके।