अध्यापक, संविदा, गुरुजियों का भी तो पोषण कीजिए

जिस तरह से सरकार बच्चों को दूध पिलाने वाली है वो बच्चो के लिए अच्छी शुरुवात।बस एक निवेदन है, हमारी सरकार और शिक्षा विभाग से कि विगत कई वर्षो से अध्यापक, संविदा, गुरूजी भी आधी अधूरी व बिना बीमे अधूरी पेंशन, बिना वेतन भत्तों के शिक्षण कार्य के साथ 24 गैर शैक्षणिक कार्य कर रहा है और सभी मोसमों में इन गैर शैक्षणिक कार्यो को करता है एवं दिन प्रतिदिन उसका परिवार और मास्टर बीमार दुखी और कुपोषित होता जा रहा है।

अतः उसकी वर्तमान शारीरिक दशा को देखते हुए सरकार को अध्यापक, संविदा, गुरुजियो और उसके परिवार के लिए कोई पोषण योजना बना ही देनी चाहिए जिसमे अध्यापक, संविदा, गुरुजियों की आर्थिक स्थिति व आधे अधूरे व किश्तों के वेतन को देखते हुए अध्यापक, संविदा, गुरुजियों के परिवार को भी निशुल्क गेहू, चावल, व अध्यापक, संविदा, गुरुजियो के बच्चों के उचित पोषण हेतु दूध की भी आपूर्ति करनी चाहिए क्योंकि अध्यापक, संविदा, गुरूजी संवर्ग को सरकार इतना वेतन नही देती की वो अपनी व अपने परिवार की जरूरते पूरी कर सके।

प्रतिदिन लंच टाइम में मास्टर के उचित पोषण हेतु व गैर शैक्षिणक कार्यो को देखते हुए प्रतिदिन लंच टाइम में एक ग्लास दूध व 100-100 ग्राम के दो-दो लड्डू शुद्ध घी से निर्मित व पञ्च मेवे वाले प्रदान करने का कष्ट करे। ताकि 24 गैर शैक्षणिक कार्य के साथ शिक्षण करने वाला अध्यापक संविदा गुरूजी कुपोषण से मुक्त रहे।।

आशाओं के साथ
मुश्ताक खान
भोपाल।

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