ग्वालियर। संस्कृति और देशभक्ति का कॉपीराइट लेकर घूमने वाले भाजपा नेताओं का असली चेहरा गाहे बगाहे सामने आ ही जाता है। स्वदेशी आंदोलन चलाने वालों के हाथ में एप्पल का मोबाइल और रेबेन का चश्मा आप कभी भी देख सकते हो। हद तो यहां तब हो गई जब भाजपा की 'नारी सम्मान यात्रा' में भारत रत्न अटलजी और राजमाता सिंधिया की प्रतिमाओं को पैरों के पास रखा गया।
महिलाओं के सम्मान के लिए भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने अन्य पदाधिकारियों के साथ नारी सम्मान यात्रा लेकर निकली हैं। गुरुवार को यह यात्रा ग्वालियर पहुंची। इस दौरान मंच से महिलाओं के सम्मान के लिए बड़ी-बड़ी बातें की गईं। राजमाता विजयाराजे सिंधिया को महिलाओं की मसीहा तक की संज्ञा दी गई, लेकिन अफसोस उन्हीं राजमाता की प्रतिमा अतिथियों के पैरों के पास पड़ी हुई थी। केवल राजमाता ही नहीं, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की भी यही स्थिति थी।
सत्ता की हर भूल को सोशल मीडिया पर अपने कुतर्कों के सहारे सही साबित करने में जुटी भाजपा की साइबर फौज से हम आग्रह करते हैं कि कृपया इस मामले पर भी अपने कुतर्क प्रस्तुत करें। प्रमाणित करें कि यह अटलजी और राजमाता का अपमान नहीं है। क्या इस अपमान के लिए आरोपित महिला नेताओं को क्षमा कर दिया जाना चाहिए। कृपया कोई ऐसा कुतर्क भी प्रस्तुत करें ताकि अटलजी और राजमाता का अपमान करने वाली महिला नेताओं पर गर्व किया जा सके।