वो हमला चीनी आतंकियों ने किया था

भोपाल। जिस हमले में रीवा का सपूत मारा गया वो इलाके के बादमाश या कोई पाकिस्तानी आतंकी संगठन के लोग नहीं थे बल्कि चीनी आतंकवादी थे। चीन ने भारत में आतंकवाद को स्पष्ट बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। इस प्रक्रिया में यह दूसरा हमला था।

मणिपुर के चंदेल जिले में पिछले हफ्ते सेना पर उग्रवादियों के हमले में बड़ा खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि पूर्वोत्‍तर में आतंकी हमलों के पीछे चीन का हाथ हो सकता है। एजेंसियों के अनुसार, चीन उत्‍तर पूर्व में आतंकी संगठनों की मदद करके गड़बड़ी फैलाने की साजिश रच रहा है।

सोमवार को एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बात का दावा किया गया कि उत्‍तर पूर्व क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हाल में हुए आतंकी हमलों में चीन की भूमिका हो सकती है। ज्ञात हो कि फरवरी और अप्रैल महीने में अरुणाचल प्रदेश में भी सेना पर दो हमले हो चुके हैं।

इस बीच, गृह राज्‍य मंत्री किरण रिजुजु ने आज एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार उत्‍तर पूर्व राज्‍यों में हाल में हुए हमलों को लेकर बेहद गंभीर है। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य पुलिस और केंद्रीय पुलिस को मिलकर इस मामले से निपटना चाहिए। हम नॉर्थ ईस्‍ट में आतंकियों के इन हमलों को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। हम इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि इस समस्‍या से कैसे निपटा जाए। अरुणाचल में सुरक्षा बलों ने हमलों का जवाब दिया।

गौर हो कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सैनिकों की हत्या की जांच शुरू कर दी है। इस घटना को हाल के समय में सेना पर सबसे भीषण हमला माना गया। एनआईए के मुताबिक भादंसं, आर्म्स एक्ट और अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एजेंसी की गुवाहाटी शाखा में मामला दर्ज किया गया। चंदेल जिले के मोलतुंगा इलाके में घटना चार जून को तब हुई जब सेना के ट्रक पर एनएससीएन (खापलांग) के संदिग्ध उग्रवादियों ने हमला कर 18 सैनिकों को मार डाला और 15 अन्य को जख्मी कर दिया।

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