मप्र कृषि केबिनेट मीटिंग के फैसले 08 जून 2015 | MP Krishi Cabinet Decision 08/06/2015

भोपाल। इस वर्ष मानसून में 10 प्रतिशत तक कमी रहने के अनुमान को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहाँ मंत्रालय में हुई कृषि केबिनेट ने कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार रणनीति और आकस्मिक कार्य-योजना को मंजूरी दी।

कृषि केबिनेट के समक्ष मौसम विभाग भोपाल के संचालक डॉक्टर अनुपम काश्यपि ने भारत और मध्य प्रदेश में मानसून की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मानसून एक हफ्ते देरी से पहुँचेगा। यह 17-18 जून को आएगा और 25 जून तक पूरे प्रदेश में फ़ैल जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कम वर्षा के अनुमान को देखते फसलों की जल्दी पकने वाली किस्में लेने किसानों को सलाह देने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो वहाँ धान की फसल नहीं लें। महामाया प्रजाति की धान को बीज उत्पादन योजना से बाहर कर दिया गया है ताकि धान उगाने वाले किसानों तक नहीं पहुँचे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सितम्बर तक किसी भी प्रकार से बिजली प्रदाय प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने हर फसल के लिए जोनवार और जिलेवार आकस्मिक योजनाएँ तैयार रखने के भी निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद - मेपकॉस्ट के साथ मिलकर कृषि विभाग बोनी क्षेत्र की सेटेलाइट इमेजरी तैयार करवायेगा। इसके लिए मेपकॉस्ट के साथ एक एमओयू किया जायेगा। यह भी बताया कि सिंचाई की सुविधा होने से वर्षा आधारित खेती का रकबा 76 लाख हेक्टेयर से कम होकर 34 लाख हेक्टेयर रह गया है। प्रदेश के जलाशयों में जल-भण्डारण की स्थिति अच्छी है। सिंचाई के बाद फिलहाल 37 प्रतिशत जल भरा है। मानसून आने पर पूरी क्षमता में भर जायेंगे।

  • आकस्मिक योजना
  • जिलेवार आकस्मिक योजनाएँ तैयार कर ली गई हैं।
  • जिला एवं राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं।
  • जिलों में डायग्नोस्टिक टीम बनाई गई है। कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारी इसमें शामिल होंगे।
  • जल्दी पकने वाली किस्मों के बीजों की व्यवस्था कर ली गई है।
  • ज्यादा से ज्यादा किसानों को फसल बीमा का लाभ देने की व्यवस्था की गई है।
  • पशु-चारे की व्यवस्था की गई है। प्रदेश की सीमा के जिलों से चारा बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया जायेगा।
  • हर विकासखण्ड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोलने की तैयारी। फिलहाल 265 की स्वीकृति।
  • उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण उपलब्ध है।


बैठक में कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, जल संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया, उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव, पशुपालन मंत्री सुश्री कुसुम महदेले, राजस्व मंत्री श्री रामपाल सिंह, आदिवासी विकास मंत्री श्री ज्ञान सिंह, वन मंत्री श्री गौरीशंकर शेजवार, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य एवं मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा सहित संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

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