भोपाल। अतिथि शिक्षक मोर्चा मप्र द्वारा प्रदेशभर मे पहले चरण मे 1 जून 2015 से 15 जून 2015 तक तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर को मुख्यमंत्री/ शिक्षा मंत्री/ राज्य शिक्षा मंत्री/ प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के नाम ज्ञापन सौंपने का कार्य किया गया। संविदा शिक्षक भर्ती। संविदा शिक्षक भर्ती में सरकार के दिये जा रहे वोनस अंको का प्रदेश भर में विरोध किया गया।
अतिथि शिक्षकों ने संविदा शिक्षक भर्ती 2015 के पहले शिक्षा विभाग में परमानेंट करने की मांग की है। पहले चरण मे नरसिंहपुर जिला, बड़वानी जिला, नीमच जिला, सीहोर जिला, भोपाल जिला, शाजापुर जिला, सागर जिला, टीकमगढ़ जिला, राजगढ़ जिला, दमोह जिला, पन्ना जिला, जबलपुर जिला, खंडवा जिला, अलीराजपुर जिला, रतलाम जिला, मंदसौर जिला, दतिया जिला, मुरैना जिला, रायसेन जिला, विदिशा जिला, हरदा जिला, वेतूल जिला, मंडला जिला, होशंगाबाद जिला, सतना जिला, हरदा जिला, डिडोरी जिलों में ज्ञापन दिये गये। ये 51 जिलों मे ही नही बल्कि इन सभी जिलों के हर विकासखंड तक सभी के सहयोग के द्वारा में ज्ञापन दिये गये। पहले चरण का कार्य स्थानीय स्तर ज्ञापन देने का कार्य था व उनसे प्राप्त पावती रजिस्टर डाक से मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री राज्य शिक्षा मंत्री प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा के नाम भेजी।
साथ ही डीएड/बीएड प्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर अध्यापक बनाने, अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर संविदा शाला शिक्षक बनाकर प्रशिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन करने, अतिथि शिक्षकों को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य मानने, अतिथि शिक्षकों को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान करने, अतिथि शिक्षकों की सेवाएं बारह माह लेने सहित छ सूत्रीय मागों को लेकर प्रदेश भर में ज्ञापन सौपकर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शीघ्र निराकरण करने की माग सरकार से की है।
प्रवक्ता आशीष जैन ने अतिथि शिक्षकों ने सभी मांगे जायज वताते हुये कहा कि इन्हे पूर्ण करने में सरकार भौतिक व व्यवहारिक रूप से सक्षम है। सभी मांगे गुरूजी व अनुदेशकों की भांति है। तथा इन्हे पूर्ण करने में अलग से कोई गाइड लाइन की जरूरत नहीं है।
प्रमुख मांगे
1. अतिथि शिक्षकों को संविदा शिक्षक पात्रता परीक्षा 2015 के पहले शिक्षा विभाग में स्थायित्व प्रदान किया जाये।
2. डी.एड/बी.एड. प्रषिक्षित अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता से अनुभव के आधार पर अध्यापक वनाया जायें। बिना किसी परीक्षा के।
3. अप्रशिक्षित अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर संविदा शाला शिक्षक वनाया जायें तथा प्रशिक्षित होने के उपरांत अध्यापक संवर्ग में संविलियन किया जाये।
4. अतिथि शिक्षकों को उनके किये गये कार्यानुभव को डी.एड/बी.एड. के समतुल्य माना जाये।
5. अतिथि शिक्षकों को आयुसीमा में 15 वर्ष की छूट प्रदान की जाये।
6. अतिथि शिक्षकों की सेवाये बारह माह ली जाये , उनके पद को रिक्त न माना जाये।