बधाई हो, भैंस नहीं पलेगी मप्र की आंगनवाड़ियों में

Bhopal Samachar
भोपाल। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंगनवाड़ियों में बच्चों को अंडों के बजाए दूध देने का ऐलान किया था। इसी दौरान यूपी के स्कूलों में बच्चों को दूध देने की बात चली और यह खबर भी उड़ी की यूपी के हर स्कूल में भैंस पाली जाएगी, जिसका दूध बच्चों को दिया जाएगा। इसके बाद संशय की स्थिति थी कि मप्र की आंनगवाड़ियों में भी कहीं भैंस ना पालनी पड़ जाए। अब मप्र सरकार है, उसका क्या कोई भी आदेश जारी कर सकती है, लेकिन राहत भरी खबर है ​कि भैंस नहीं पालनी पड़ेगी। दूध का पाउडर मिलेगा।

प्रदेश के 29 लाख बच्चों को एक जुलाई से मीठा-सुगंधित दूध (स्वीटेंड फ्लेवर्ड मिल्क) मिलेगा। दूध 92 हजार आंगनवाड़ी के जरिये सप्ताह में 3 दिन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंगनवाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार के रूप में दूध देने की घोषणा की थी।

आंगनवाड़ी में दूध वितरण के लिए राज्य शासन ने जिला कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, संभागीय संयुक्त संचालक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास एवं कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशानुसार हर आंगनवाड़ी में सप्ताह के 3 दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को बच्चों को दूध देने की सभी जरूरी व्यवस्थाएं एक जुलाई के पहले की जाना हैं।

वितरण व्यवस्था
स्वीटेंड फ्लेवर्ड मिल्क पाउडर का प्रदाय मध्यप्रदेश सहकारी दुग्ध महासंघ द्वारा किया जाएगा। महासंघ विकासखण्ड-स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को मिल्क पाउडर देगा। यहां से मिल्क पाउडर संबंधित एजेंसी अथवा स्कूल तक पहुंचाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में पूरक पोषण प्रदाय करने वाले स्व-सहायता समूह के जरिये ही दूध वितरण होगा। जहां सांझा चूल्हा कार्यक्रम में स्व-सहायता समूह द्वारा पोषण आहार दिया जा रहा है, वहां दूध वितरण इसी के जरिये होगा। शहरी क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों को मिल्क पाउडर जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास को सीधे दिया जाएगा। इन अधिकारियों को बच्चों की संख्या के मान से पाउडर की मांग अग्रिम रूप से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला एवं जनपद पंचायत को बतानी होगी।

हर बच्चे को मिलेगा 100 एमएल दूध
प्रति बच्चा 100 एमएल दूध आंगनवाड़ी केन्द्र खुलने के बाद नाश्ते से एक घंटे पहले दिया जाएगा। दूध और पानी के माप के उपकरण महासंघ देगा। स्व-सहायता समूह दूध तैयार करते समय स्वच्छता मानकों का पूरा ध्यान रखेगा। स्वच्छ पानी को उबालकर गुनगुना पानी रहने तक ठंडा करने के बाद निर्धारित मात्रा में मिल्क पाउडर मिलाकर दूध तैयार करेगा और केन्द्र स्थल पर दूध और नाश्ता एकसाथ पहुंचाएगा। दूध तैयार होने के एक घंटे के अंदर बच्चों को देना होगा, ताकि वह खराब न हो। केन्द्र में उपस्थित बच्चों की संख्या के आधार पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक दिन पहले स्व-सहायता समूह को मांग-पत्र देगी।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!