मप्र शिक्षा विभाग में ई-अटेंडेंस लागू

Bhopal Samachar
भोपाल। प्रदेश के 4 लाख शिक्षकों की हाजिरी अब ई-अटेंडेंस सॉफ्टवेयर से लगेगी। स्कूल शिक्षा विभाग एक जुलाई से इस योजना को प्रदेशभर में लागू कर रहा है। इंदौर में योजना के सफल प्रयोग के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है। हालांकि शिक्षकों को एन्ड्रायड मोबाइल उपलब्ध कराने को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

विभाग ने एक साल पहले इंदौर संभाग में यह योजना शुरू की है, जिसका शिक्षकों ने जमकर विरोध किया था। उन्होंने हाईकोर्ट की सिंगल बैंच में याचिका भी दायर की थी। इसका फैसला हाईकोर्ट ने विभाग के पक्ष में सुनाया। इसके बाद से विभाग इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी कर रहा था। बीच में शिक्षकों को सरकारी खर्च पर एन्ड्रायड फोन देने की बात भी की जा रही थी, लेकिन इस प्रस्ताव पर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई।

इस संबंध में निर्णय लेने की जिम्मेदारी लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों को सौंपी गई है। सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने निर्णय नहीं लिया है। उधर, शिक्षक योजना का विरोध कर रहे हैं। उनके हिसाब से मोबाइल फोन, हर महीने डाटा पैक की व्यवस्था कौन करेगा। और अगर कवरेज नहीं मिलने के कारण मोबाइल से डाटा नहीं आता है, तो क्या शिक्षक को गैरहाजिर माना जाएगा।

ऐसे ली जाएगी हाजिरी
ई-अटेंडेंस के लिए शिक्षकों के पास एन्ड्रायड मोबाइल होना अनिवार्य है। विभाग ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिससे एन्ड्रायड एप्लीकेशन (एप) से जोड़ा गया है। यह एप मोबाइल में डाउनलोड करना होगा। स्कूल पहुंचने पर शिक्षक एप की पंच-इन 'की" दबाएंगे और सॉफ्टवेयर अक्षांश एवं देशांत के हिसाब से स्कूल का स्थान और समय रीड करेगा। यही उसकी हाजिरी होगी। यदि कोई स्कूल नहीं पहुंचता है और 'की" दबाता है, तो उस वक्त वह जहां उपस्थित है। वहां की लोकेशन दर्ज हो जाएगी।

प्रदेश में शिक्षकों की संख्या
नियमित शिक्षक : 1.45 लाख
अध्यापक संवर्ग : 2.50 लाख

इंदौर संभाग में प्रयोग के तौर पर योजना लागू की गई थी। इससे शिक्षकों की हाजिरी लेने में आसानी हुई है। इसलिए एक जुलाई से योजना को पूरे प्रदेश में लागू कर रहे हैं।
दीपक जोशी, राज्यमंत्री स्कूल शिक्षा विभाग

योजना अच्छी है, लेकिन एन्ड्राइड मोबाइल, हर महीने डाटा पैक कौन देगा। कहीं-कहीं किसी कंपनी का कवरेज नहीं है। ऐसे में मोबाइल काम नहीं करेगा। तब क्या शिक्षक को अनुपस्थित माना जाएगा। योजना लागू करने से पहले विभाग को इनका समाधान करना चाहिए।
आशुतोष पांडे, प्रमुख महामंत्री मप्र शिक्षक कांग्रेस

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