छत्तीसगढ़। शासकीय मूल्य की दुकानों में जीवित व्यक्ति के लिए राशन की व्यवस्था होती है लेकिन कोरिया जिले में एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां हर मुर्दे के नाम पर राशन मुहैया कराया जा रहा है और राशन का उठाव भी समय से हो रहा है।
देखी है कभी ऐसी जगह, जहां मुर्दे ले जाते हैं अपना राशन! छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक ऐसा ग्राम पंचायत है जहां हर मुर्दे के नाम पर राशन मुहैया कराया जा रहा है
अब ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासन का राशन कब तक मुर्दे खाते रहेगें। कोरिया जिले के ग्रामीणों ने कलेक्टर कोरिया से इस बात की शिकायत की है कि उनके इलाके में उचित मूल्य की दुकानों से उन राशन कार्डों पर भी राशन दिया जा रहा है जो काफी पहले ही मर चुके हैं। शिकायत पत्र में इलाके की सरपंच और उसके पति के खिलाफ भी ग्रामीणों ने शिकायत की है कि जब गांव के लोग राशन लेने के लिए जाते हैं तो उन्हें यह कहकर लौटा दिया जाता है कि राशन नहीं आया है। लेकिन उन लोगों के नाम बराबर राशन जारी किया जा रहा है जिन लोगों की मौत हो गई है।
गांव के दर्जनों ऐसे लोगों के नाम से राशन उठ रहा है जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इनके नाम का राशन आखिर कौन उठा रहा है। मामले से सोसायटी संचालक तो यह कह कर साफ-साफ बचने लगे हैं कि मैं तो इसी महीने से राशन दे रहा हूं। जानकारी मिली तो उन मृत व्यक्तियों का राशन रोक दिया है। इसके बावजूद भी अब तक सोसायटी संचालक ने इन मृत व्यक्तियों की संख्या और जानकारी किसी अधिकारी को नहीं दी है।
यही कारण है कि शासन मृत लोगों के नाम पर समय से राशन सोसायटी तक मुहैया करा रही है। बहरहाल हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस मामले में शिकायत होने के बाद भी अभी तक अधिकारी सिर्फ जांच की बात कर रहे हैं। अब एसे में सवाल यह उठता है कि शासन का राशन आकिर कब तक मुर्दे खाते रहेगें। क्या शासन इन्हें खाने से रोक पाएगा।