प्रिय मामा शिवराज: प्लीज फिर से कोई झूठी घोषणा कर दो

भोपाल। मप्र शासन की ओर से महिला एवं विकलांग अध्यापकों के लिए नई तबादला नीति जारी कर दी गई है। कहने तो एक वादा पूरा हुआ, लेकिन इसमें कुछ ऐसा हुआ कि हर घर में कलह शुरू हो गई। भविष्य का संकट खड़ा है। काटो तो खून नहीं वाली स्थिति है। महिला अध्यापकों के परिवारजन उन पर इस्तीफा देने का दवाब बना रहे हैं। एक उम्मीद के सहारे सबकुछ टिका था, इस नीति के घोषित होते ही सारी उम्मीद ही टूट गई।

पढ़िए एक काल्पनिक संवाद, जो सारिका ने पोस्ट किया (संभव हो तो उस दर्द को समझने का प्रयास कीजिए जिससे इन दिनों मप्र की महिला अध्यापक गुजर रहीं हैं। ) :-

मुख्यमंत्री और एक अध्यापिका बहिन अंजलि के बीच का संवाद........
अंजलि- हैलो शिवराज मामा बोल रहे हैं ??
सीएम- हाॅ हाॅ बोल रहा हूॅ बेटी मै तुम्हारा मामा शिवराज बोल रहा हूॅ ।
अंजलि- मामा मै अंजलि बोल रही हूॅ विदिशा से आपने कन्यादान योजना मे मेरी शादी कराई थी कुछ याद आया क्या ???
सीएम-हाॅ हाॅ याद आ गया बोलो अंजलि बेटी क्या बात है ?
अंजलि- मामा आपके भानजे दामाद ने मेरा जीना हराम कर रखा है मै बहुत परेशान हो गई हूॅ
सीएम- अरे अरे ऐसा कैसे हो सकता है पूरी बात बताओ हुआ क्या है ???
अंजलि(रोते हुये)- मामा हुआ क्या है कि ये विदिशा में रहते है और मै सिरोंज में रहती हूॅ तो अपना खाना इनको ही बनाना पडता है और मुन्ने को और बूढे सास ससुर को भी इन्हे ही संभालना पडता है फिर इनको स्कूल भी जाना होता है तो इतने सारे कामों के चक्कर में ये पगला गये हैं इसलिये मुझ पर गुस्सा निकालते हैं
सीएम- अरे ऐसा क्यों ? तुम पति-पत्नी अलग अलग क्यों रहते हो ?
अंजलि- मामा मै भी सहायक अध्यापक हूॅ न मेरी पोस्टिंग सिरोंज के पास महुआखेडा स्कूल में है जो विदिशा से 90 किमी दूर है सो मै सिरोंज मे ही रहती हूॅ और आपके दामाद की पोस्टिंग बासौदा ब्लाॅक के नूरपुर स्कूल में है।
सीएम- तो तुम अपना ट्राॅसफर क्यों नही करा लेती मैने महिला/विकलाॅग अध्यापकों के लिये नीति भी खुलवा दी है।
अंजलि--मामा जब से आपने ये नीति खुलवाई है तबसे ही तो हमारे घर में महाभारत शुरू हुई है जब नीति बंद थी तब तो घर में नीति खुलने की उम्मीद मे शान्ति थी।
सीएम--अंजलि बिटिया ऐसा कैसे हो सकता है मैने तो बहिनों के फायदे के लिये नीति खुलवाई है और तुम इससे परेशानी में आ गई ???
अंजलि--हाॅ मामा हाॅ प्लीज इस नीति को बंद करवा दीजिये और फिर कोई खोखली घोषणा कर दीजिये कि जल्दी ही आप एक नई ट्राॅसफर नीति बनायेंगे। बस इसी उम्मीद के सहारे हमारे घर में शान्ति तो हो जायेगी।
सीएम--लेकिन अंजलि इस नीति में ऐसा क्या है जिससे तुम्हारा स्थानान्तरण नही होगा
अंजलि (रोते हुये)--अरे मामा आप तो बडे कंस निकले कंसमामा ने तो अपनी भानजी के एकदम प्राण हर लिये थे पर तुम तो तडपा तडपा कर मार रहे हो तुम्हे मामा कहने मे मुझे तो शर्म आती है । तुमने ऐसी नीति बनाई जिसमें एक भी अध्यापक का ट्राॅसफर नही हो सकेगा क्योंकि अतिशेषों को तो तुमने पहले ही हटवा दिया अब कोई अतिशेष है ही नही तो किसका ट्राॅसफर करोगे। तुम तो बडे धोखेबाज निकले मामा तुमने अपनी भान्जियों से छल किया है मामा

जाओ आज मै तुम्हे शाप देती हूॅ कि जैसे मै मेरे पति से दूर हूॅ मेरे सास ससुर और बच्चों से दूर हूॅ वैसे ही तुम भी सत्ता से दूर हो जाओ।
सीएम-अरे....अरे.....अंजलि...लि. सुनो
अंजलि ने रोते सिसकते हुए फोन कट कर दिया।

नोट:-उपरोक्त समस्त संवाद काल्पनिक है परंतु समस्या वास्तविक है।

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