भोपाल। राजधानी भोपाल में पिछले 55 दिनों से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों ने आज सोमवार को दोपहर 4 बजे उच्च शिक्षा विभाग की अर्थी निकाली। मिली जानकारी के अनुसार विद्वानों की लगातार नियमितीकरण की मांग के बाद भी उच्च शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर नियमितीकरण के सिलसिले में कोई बातचीत नहीं कर रहे हैं।
जिससे प्रदेशभर से राजधानी के शाहजहांनी पार्क में इकट्ठा हुए ये विद्वान प्रदेश सरकार खासतौर से उच्च मंत्री गुप्ता से जो कि इन विद्वानों की सुध लेने भी नहीं आए हैं। वहीं विद्वान है कि पॉर्क छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं। अतिथि विद्वान संघ की संयोजक डॉ. लीना दुबे ने बताया कि हम लगातार नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। जिसमें हमारा एक प्रतिनिधि मंडल शासन, प्रशासन से जुड़े जिम्मेदार, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों से अपनी मांग का समर्थन पाने व न्याय की अपील करने के लिए मिला है। जिसमें हम पशुपालन एवं विधि मंत्री कुसुम सिंह मेंहदेले और महेंद्र सिंह बागरी विधायक पन्ना से मिले।
हर जगह से हमारी मांगों को सही माना गया है। हमारे पास अब तक 100 विधायकों और सांसदों के अनुशंसा पत्र प्राप्त हुए है। जिनकी प्रतिलिपि सीएम को भी भेजी दी गई है। मगर प्रशासन हमारी मानवीय मांगो के साथ—साथ अपने प्रतिनिधियों और नेताओ की अनुशंसा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम जिला कलेक्टर के पास जा रहे थे तो पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और उन्होंने हमें शाहजहांनी पार्क में ही नजर बंद कर दिया। बाबजूद उसके अतिथि विद्वान मुश्किलों के बाद कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए।
लीना बताया कि एक ओर शासन हमारी मांगे नहीं मान रही हैं वहीं दूसरी ओर हमारे लोकतांत्रिक अधिकार भी हमसे छीन रही है। सरकार के ऐसे व्यवहार के चलते आज सोमवार को हमने इतना बड़ा फैसला लेेते हुए उच्च शिक्षा विभाग की अर्थी निकाली है। दुबे ने चेतवानी देते हुए कहा कि ये तो बस शुरूआत है अगर हमारी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया जाएगा तो हम एक बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर शिक्षक का अपमान हुआ तो सर्वनाश हुआ। सरकार भी ये गलती करने की भूल कर रही है।