2 साल में चकाचक कर दूंगा मप्र की सड़कें: गडकरी

भोपाल। 'मुझे पता है मध्यप्रदेश में ठेकेदार नेशनल हाईवे के निर्माण का काम छोड़कर भाग गए हैं, लेकिन हम दो साल में सड़कें बना लेंगे, इसे चकाचक कर देंगे"। नए सिरे से ठेके की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही जबलपुर में आकर नौ सड़कों का भूमिपूजन करूंगा। यह बात केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को महाराष्ट्र से वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए हुई पत्रकारवार्ता में बताई। उन्होंने दावा किया कि दो साल बाद सड़कों को लेकर कोई समस्या नहीं रहेगी। इससे जुड़े सवाल ही नहीं उठेंगे।

इनका होगा भूमिपूजन
राष्ट्रीय सड़क विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि नेशनल हाईवे नंबर 7 (रीवा, कटनी, जबलपुर-लखनादौन) और नेशनल हाईवे नंबर 3 के सात पैकेज में कामों का भूमि पूजन होगा। इसके अलावा सड़क विकास निगम की सड़क नेशनल हाईवे नंबर 12 विस्तार के दो पैकेज का भूमिपूजन केन्द्रीय मंत्री 20 जून को जबलपुर में कर सकते हैं।

सड़कों के मौजूदा हाल
नेशनल हाईवे नंबर 7 (रीवा, कटनी, जबलपुर-लखनादौन) और नेशनल हाईवे नंबर 3 की हालत सबसे खस्ता है। नेशनल हाईवे नंबर 3 के हनुमना से रीवा (89 किलोमीटर) चार लेन के हिस्से को सड़क राज्य सड़क विकास निगम बना रहा है। 68 किलोमीटर सड़क बन चुकी है और बाकी पर काम चल रहा है। जबलपुर से कटनी-रीवा तक सड़क बनाने के लिए मेसर्स सोमा को अक्टूबर 2011 को ठेका दिया गया था, पर ये काम नहीं कर पाया। सड़क विकास प्राधिकरण और मेसर्स सोमा के बीच सहमति से दिसंबर 2013 में अनुबंध निरस्त कर दिया गया था।

जबलपुर से लखनादौन सड़क के लिए अक्टूबर 2011 में मेसर्स गैनन डंकलने से अनुबंध किया था। ठेकेदार परफारमेंस गारंटी की राशि ही समय पर जमा नहीं कर सका। इसलिए काम अटका हुआ था। अब इस सड़क को चार पैकेज में बनाया जाएगा। इसका ठेका हो चुका है। इसी तरह नेशनल हाईवे नंबर 3 को तीन पैकेज में बनाया जाएगा। शिवपुरी से देवास तक 332 किलोमीटर सड़क बीओटी में बनाने के लिए मेसर्स जीव्हीके को दी गई थी, लेकिन फर्म काम नहीं कर पाई। अब गुना से शिवपुरी, गुना से ब्यावरा और देवास सड़क तीन टुकड़ों में बनाई जाएगी। नेशनल हाईवे नंबर 12 ए जबलपुर मंडला चिल्पी तीन हिस्से में बनाई जाएगी। केन्द्र सरकार ने हाल ही में जबलपुर बायपास से बरेला के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। सूत्रों का कहना है कि बरेला से मंडला सड़क का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को दिसंबर 2014 में भेजा जा चुका है।

PPP में काम करने कोई तैयार नहीं था
केन्द्रीय मंत्री ने पोत परिवहन, सड़क परिवहन और राजमार्ग से जुड़े कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा और बेबाकी से जबाव दिया। उन्होंने बताया कि सीमेंट के लिए रेट कांट्रेक्ट किया गया है। ये सीमेंट टाटा, बिडला, अडानी या अंबानी को नहीं, बल्कि पंचायत से लेकर सरकारी विभाग को मिलेगी। इससे प्रोजेक्ट लागत में कमी आएगी। 80 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण होने पर ही प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे। टोल व्यवस्था में सुधार के लिए ई-टोल सिस्टम लागू होगी। अगले छह माह में 3 लाख 50 हजार करोड़ के काम शुरू होंगे। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को बंद करने से जुड़े एक सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी बातों के गलत मायने निकाले गए। हम सिर्फ भ्रष्टाचारमुक्त व्यवस्था चाहते हैं। जल परिवहन पर कहा कि नदियों की पहचान का काम किया जा रहा है। सर्विस टैक्स बढ़ाए जाने के मुद्दे पर जबाव देने की जगह केन्द्रीय मंत्री ने गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में डाल दी।

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