व्यापमं घोटाला: पुरानी फाइलें खंगाल रही है SIT

भोपाल। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने की सुगबुगाहट के बीच एसआईटी ने अब अपना ग्राउंड पुख्ता करने का प्रयास शुरू कर दिया है। वो पुरानी फाइलें खंगालना चाहती है ताकि उस पर कोई आंच ना आए। इससे पहले पेनड्राइव के मामले में एसटीएफ के ओपीनियन को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने क्लीनचिट प्रमाणित कर डाला था जिसके कारण एसआईटी भी संदेह के दायरे में आ गई थी।

एसटीएफ पर निगरानी के लिए बनाई गई एसआईटी ने 28 महीने की जांच रिपोर्ट मांगी है। एसटीएफ से मांगी गई रिपोर्ट में इस दौरान हुई आरोपियों की गिरफ्तारी, उनसे हुई पूछताछ और जब्त किए गए रिकॉर्ड का ब्यौरा शामिल है। अपने गठन के बाद से एसआईटी को कुछ ऐसे बिंदुओं का पता चला है, जो जांच एजेंसी द्वारा किसी को बचाने की ओर इशारा करते हैं।

एसआईटी जानना चाहती है कि वे लोग कौन हैं, जिन्हें बचाने की कोशिश की जाती रही है।
व्यापमं की परीक्षाओं में गड़बड़ी का मामला तब सामने आया, जब छह जुलाई 2013 को पीएमटी-2013 का पेपर लीक हुआ। इंदौर क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू की।
सरगना डॉ. जगदीश सागर की गिरफ्तारी के बाद व्यापमं के अफसरों के नाम उजागर हुए। पुलिस ने व्यापमं के पूर्व प्रिंसिपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा और परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी को गिरफ्तार भी कर लिया। लेकिन महिंद्रा के कंप्यूटर की केवल एक ही हार्डडिस्क जब्त की। एसआईटी सूत्रों का कहना है कि उस कंप्यूटर में दो हार्डडिस्क लगती थीं। सवाल यह है कि दूसरी हार्डडिस्क जब्त करने में पुलिस ने इतना वक्त क्यों लगाया?

कंप्यूटर्स सील क्यों नहीं किए
एसआईटी ये भी जानना चाह रही है कि पुलिस ने इन अफसरों के नाम से अलॉट अन्य कंप्यूटर्स या उनके लैपटॉप को क्यों सील नहीं किया? इसके अलावा जिस परीक्षा (पीएमटी-2013) की जांच की जा रही है, उसके रिजल्ट 13 जुलाई 2013 को ही कैसे जारी कर दिए गए। परीक्षा परिणाम घोषित करने से किसे फायदा पहुंचा? फिर करीब डेढ़ महीने की जांच के बाद इस मामले को एसटीएफ के पास ट्रांसफर कर दिया गया।

बाद में जब्त हुए कंप्यूटर
सूत्रों के मुताबिक मामला एसटीएफ को मिलने के बाद भी उन कंप्यूटर्स को जब्त नहीं किया गया, जो व्यापमं के पूर्व अफसरों के नाम पर अलॉट थे। एसआईटी का गठन 25 नवंबर 2014 को हुआ। इसके बाद एसआईटी ने उन कंप्यूटर्स को जब्त करने के निर्देश एसटीएफ को दिए। तब एसटीएफ ने व्यापमं पहुंचकर चार लैपटॉप और तीन कंप्यूटर जब्त किए।

पूर्व विधायक ने भी लगाए थे आरोप
पूर्व विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता पारस सकलेचा ने व्यापमं की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एजेंसी पर सवाल उठाए थे। बीती 13 फरवरी को एसआईटी से हुई मुलाकात में उन्होंने कहा था कि एसटीएफ केस की तह में नहीं जा रही है। यदि जाए तो बड़े नाम उजागर हो सकते हैं। इसे लेकर सकलेचा अगले दो-तीन दिन में एसटीएफ को भी बयान देने जा रहे हैं।

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