आनंद ताम्रकार/बालाघाट। किरनापुर में पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट के बाद शुरू हुई जांच ने कई चौंकाने वाले तथ्य सामने ला रहे दिए हैं। पहला तो यह कि यह कारखाना ही अवैध था और दूसरा यहां करीब 2 क्विंटल बारूद भरा हुआ था। विस्फोट तो महज 500 किलो विस्फोट में ही हुआ, डेढ़ क्विंटल बारूद बच गया नहीं तो पूरा गांव तबाह हो जाता। अब तक यहां से 4 क्विंटल बारूद जब्त किया जा चुका है। सवाल यह है कि यह सबकुछ इतने आराम से चल कैसे रहा था। प्रशासन को कौन सा सांप सूंघ गया था।
बालाघाट जिले के किरनापुर में फटाखों की अवैध करखाने में हुये विस्फोट की दहशत और मौत क ताडंव से समूचा जिला स्तब्ध रह गया है। बुधवार को घटित इस हादसे के 36 घंटे गुजरने के बाद भी किरनापुर के लोग दहशत में है। लगातार 8 घंटे तक हुये धमाकों के बाद घटना स्थल के 500 मीटर के दायरे में लगभग 100 से अधिक मकान क्षत्रिगस्त हो गये है इस इलाके के लोंगों ने दहशत के चलते एक मंदिर में रात गुजारी।
कल गुरूवार को पुलिस की डाॅंग स्क्वाड टीम ने फटाखा फैक्टी के कंटेनर से करीब 90 किलोबारूद बरामद किया है तथा अन्य 3 मकानों से भी बारूद बरामद किया है फाॅरेसिक टीम ने भी घटना स्थल का जायजा लिया। किरनापुर पुलिस ने अवैध रूप से फटाखा कारखाना चलाने के आरोप में संचालक अभिषेक सुनेरी के विरूद्ध धारा 286,427,304 भादवि के तहत मामला कायम किया है। पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया कि एसडीएम लाजी से विस्फोटक भण्डारन करने लाइसेस संबंधित जानकारी मांगी है।
बुधवार को हुये इस विस्फोट के कारण वार्ड नं.1 व 2 के निवासियों को काफी नुकसानी झेलनी पडी 500 मीटर के दायरे में कोई घर सलामत नही बचा घरों में दरारे आ गई कई मकान जमीदोज हो गये। प्रशासन की तत्परता से इस हादसे में लगभग 50 किलो बारूद का ही विस्फोट हुआ लगभग 1 क्विटल 50 किलो बारूद तो सुलगने से बचा लिया गया अन्यथा किरनापुर ग्राम में तबाही का दर्दनाक दश्य दिखाई देता।
किरनापुर के तहसीलदार सीएल चौहान ने बताया की 3 दिन पहले अभिषेक सुनेरी के गोदाम की जांच करने राजस्व निरीक्षक युवराज थावरे पहुचे थे उसने घर के सामने फटाखों के सुखाये जाने के कार्य में 2-3 मजदूरों को कार्य करते देखा और आरआई ने पंचनामा बनाया था और उसे मौके पर 3 हजार फटाखे मिले थे।
12 मई को हुये सर्वे की एसडीएम लांजी सुमेश मिश्रा को नही दी।
इस फटाखे के कारखानें में करीब 50 परिवारों के लोगों को रोजगार मिल रहा था महिलायें रोजाना फैक्टी से डब्बों में बारूद और फटाखा बनाने की सामग्री अपने घर ले जाती थी 2-3 दिन में फटाखा बनाके ले आती थी। पुलिस की गई जांच में फैक्टी में काम करने वालों के घर से 3 छोटे ड्रमों में बारूद और निर्माणधीन सामग्री मिली।
इस कारखाने में पिछले अनेक वर्षो से बडी मात्रा में फटाखे और विस्फोट बनाने का काम चल रहा था यहां निर्मित फटाखे नागपुर ट्रकों से भेजे जाते थे इसके बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन इससे बेखबर था यह स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इस कारखाने में काम करने वाली एक महिला सुनीता ने बताया की बुधवार 2-3 दिन पहले आरआइ साहब कारखाने की जांच के लिये आये थे जो बुधवार को फिर से आने वाले थे। इसकी जानकारी अभिषेक सुनेरी को हो गई थी उसने 8 महिला मजदूरों को पास के खेत के गोदाम में काम पर जाने को कहा था। दोपहर 3.30 बजे अधिकारी के आने की भनक लगने से पहले 5 पूरूष मजदूरों की छुट्टी कर दी गई थी। फैक्टी में केवल 5 पुरूष और 2 महिला ही काम कर रहे थे। लगभग 4 बजे आरआइ साहब आये फैक्टी मालिक से बात करके लौट गये। इसके कुछ देर बाद ही धमाको की आवाज आते ही खेत वाले गोदाम से निकलकर भागी और अपनी जान बचाई।
अवैध फटाखा फैक्टी के मामले में प्रशासन कडाई से जाच कर रहा है कल दिन भर की खोजबीन में लगभग 4 क्विंटल विस्फोट बरामद हुआ है जमीन के अंदर गडाये हुये 2 ड्रम डाॅग स्कार्ड ने खोजे जिसमें 1 क्विंटल बारूद भरा हुआ था सुनेरी के घर के आसपास 30-30 किलो की 2 बोरी बारूद से भरी मिली अन्य 8 घरों से 2 क्विंटल बारूद जब्त किया गया। किरनापुर थाना प्रभारी ने बताया की सुनेरी के घर के पास स्थित खेत 2 गोदाम पुलिस ने सील कर दिये है।
कलेक्टर व्ही किरण गोपाल ने बताया की अभिषेक सुनेरी को गोदाम की अनुमति दी गई थी लेकिन व अपने घर पर ही अवैध रूप से फटाखा फैक्टी चला रहा था। स्थानीय स्तर पर फैक्टी जांच करने वाले शासकीय अमले को इस बात की जानकारी क्यों नही लगी और उन्होने वरिष्ट अधिकारियों को इस बात से अनभिग्य क्यो रखा। इस लापरवाही के लिये जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।