इंटर आफिस पॉलिटिक्स के शिकार हुए अपर कलेक्टर

भोपाल। मुरैना में अपन कलेक्टर विवेक सिंह भी इंटर आफिस पॉलिटिक्स के शिकार हो गए। इस जिले में राप्रसे के एक अधिकारी ने अपनी पॉवर इस कदर बढ़ा ली है कि जो भी अधिकारी उसके सामने आता है उसकी नौकरी को मुश्किल कर दिया जाता है। विवेक सिंह भी इस अधिकारी का शिकार हो गए। उन्हे पंचायत समितियों के चुनाव में हुए विवाद के आरोप में सस्पेंड किया गया है।

मुरैना अपर कलेक्टर विवेक सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है। ग्वालियर चम्बल संभाग के प्रभारी कमिश्नर केके खरे ने उन्हें सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं। दरअसल 10 अप्रैल को जिला पंचायत में स्थाई समितियों का चुनाव कराने की जिम्मेदारी तात्कालिक अपर कलेक्टर विवेक सिंह को दी गई थी लेकिन चुनाव के दौरान दो पक्षों में सभागार में मारपीट हो गई थी। जिसमें आधा दर्जन से लोग घायल हुए थे और चुनाव निरस्त कर दिया गया था। कलेक्टर शिल्पा गुप्ता ने चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही बरतने को बेहद गंम्भीर माना था। इसके अलावा कलेक्टर ने विवेक सिंह के खिलाफ बिना सूचना दिए मुख्यालय छोड़ने के आरोप का प्रतिवेदन कमिश्नर को सौपा था। जिस पर शुक्रवार को प्रभारी कमिश्नर केके खरे ने अपर कलेक्टर विवेक सिंह को सस्पेंड कर दिया।

कंफ्यूज हैं कलेक्टर
यूं तो मुरैना कलेक्टर शिल्पा गुप्ता बड़ा अच्छा काम कर रही हैं। सर्वत्र उनकी तारीफ भी हो रही है लेकिन उन्ही के आफिस में चल रही पॉलिटिक्स को तोड़ने में वो भी नाकाम है। कलेक्टर आफिस के सूत्र बताते हैं कि वो अभी तक इस गेम को पूरी तरह समझ ही नहीं पाईं हैं। उन्हें लगता है कि सारे अधिकारी बस अपना अपना काम कर रहे हैं। उन्हें डीटेल्स मालूम ही नहीं कि कौन कौन अधिकारी हैं जो दूसरे अधिकारियों को काम करने से रोकते हैं एवं पॉवर प्ले खेल रहे हैं।

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