ओह, तो इसलिए हटाए गए आशीष जोशी

नई दिल्ली। इंडियन पीएंडटी एकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के 1992 बैच के अधिकारी आशीष जोशी 3 साल की प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली सरकार में आए थे, परंतु 9 माह में ही उन्हे वापस भेज दिया गया। आरोप लगाया गया कि वो गुटखा खाते हैं, लेकिन श्री जोशी ने आज अपने हटाए जाने का कारण भी स्पष्ट कर दिया।

श्री जोशी को दिल्ली डायलॉग कमीशन के सदस्य सचिव पद से हटाया गया। उन पर लगाया गया आरोप बड़ा अजीब था, क्योंकि जब वो प्रतिनियुक्ति पर आए थे तब भी गुटखा खाते थे। लोग जानना चाहते थे कि उनको हटाए जाने की असली वजह क्या है। आशीष जोशी ने खुद इसका खुलासा करते हुए कहा कि मैं सिगरेट, सिगार पीता हूं और गुटखा भी खाता हूं। मगर कार्यालय में कभी नहीं करता। वैसे भी यह मेरी निजी जिंदगी का मामला है। उन्होंने कहा कि मुझे हटाने के लिए दिल्ली सरकार के पास सफाई देने के लिए कुछ नही था। इसलिए इस तरह की बात की जा रही है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष जिन आशीष खेतान ने मुझ पर ये आरोप लगाए हैं। लगता है कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गए है। उन्होंने कहा कि कोई मंदबुद्धि व्यक्ति ही इस तरह की बात कर सकता है। उन्होंने कहा कि हटाने की मुख्य वजह भी बता देता हूं। जोशी ने कहा मुझ पर दबाव बनाया जा रहा था कि कमीशन में आम आदमी पार्टी के लोग लगाए जाएं। मुझसे कहा गया कि आप के लोग फ्री में काम करेंगे। इसे मैंने वेबसाइट पर डाल दिया तो वह नाराज हो गए। मैंने वेबसाइट पर डाला था कि जो लोग दिल्ली डायलॉग कमीशन में फ्री में सेवा देना चाहते हैं, वे आगे आएं। इस पर डीयू, जामिया व जेएनयू से बहुत से लोगों ले आवेदन कर दिया। ऐसे में उन लोगों को कैसे नजरंदाज किया जा सकता था। यह बात आप के लोगों को नागवार गुजरी।

खुलासे के बाद बदला आशीष खेतान का आरोप
दिल्ली डायलॉग कमीशन (डीडीसी) के सचिव पद से पिछले दिनों हटाए गए आशीष जोशी जिस तरह दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, दिल्ली सरकार ने इसका खंडन किया है। शनिवार को सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि आशीष जोशी प्रति नियुक्ति पर दिल्ली सरकार में सेवा देने आए थे। उन्हें सरकार द्वारा गठित डीडीसी में सचिव पद की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई। वहां कार्यभार संभालने के साथ ही आशीष जोशी दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ जैसा बर्ताव करने लगे, वह ठीक नहीं था। इसकी शिकायत कई अधिकारियों ने की।

सरकार ने कहा कि किसी से बिना कारण फाइल, फोन नंबर व अन्य जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश देना, उस ओहदे पर बैठे अधिकारी को सार्वजनिक रूप से करने का शोभा नहीं देता है। दिल्ली सरकार ने आशीष जोशी को अपने मूल कैडर में भेजने की सिफारिश कर दी। उन्हें सर्विस रूल तक की बुनियादी बातों की जानकारी नहीं थी, इसलिए सरकार ने उन्हें डीडीसी के पद से हटाया।

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