जबलपुर। जिला उपभोक्ता फोरम ने अभिभावक-छात्रहित में अहम आदेश सुनाया। इसके तहत जबलपुर के शिवनगर दमोहनाका क्षेत्र में स्थित आशोका हाल स्कूल व जगन्नाथदास प्रेमवती वेलफेयर सोसायटी को एक माह के भीतर मई-जून की वसूली गई फीस 500 रुपए ब्याज सहित लौटाने कहा गया है। इसके अलावा मानसिक पीड़ा के एवज में 200 रुपए और वादव्यय राशि 1000 रुपए का भुगतान करना होगा।
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक दमोहनाका निवासी राजेश कुमार जैन की ओर से अधिवक्ता अरुण जैन, राजेश राय व धर्मेन्द्र पटैल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आवेदक ने अपने बेटे रितिक जैन का दाखिला अशोक हाल स्कूल में कराया। 2008 में मई-जून माह की फीस 500 रुपए मनमाने तरीके से वसूल ली गई। इसका विरोध करने के बावजूद राशि नहीं लौटाई गई। लिहाजा, न्यायहित में फोरम आना पड़ा।
बहस के दौरान बताया गया कि मई-जून माह में गर्मी का अवकाश रहता है, इस दौरान कोई पढ़ाई नहीं होती। चूंकि बिना पढ़ाई कराए फीस लेना सेवा में कमी की श्रेणी में आता है, अतः निजी स्कूल से क्षतिपूर्ति दिलाई जानी चाहिए। इधर दूसरी ओर स्कूल की संचालन समिति ने तर्क दिया कि छात्र के अभिभावक से 12 नहीं सिर्फ 10 माह की फीस ली गई है। वह फीस 12 माह में विभाजित करके प्रदर्शित की गई। फोरम में यह तर्क तो दिया गया, लेकिन इसे दस्तावेजी आधार पर साबित नहीं किया जा सका।