ठाणे। किशोरी लड़कियों को सेक्स रैकेट के धंधे में धकेलने के लिए एक स्थानीय कोर्ट ने 49 वर्षीय महिला को 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसजे काले ने हाल में नवी मुंबई की महिला को चकला घर चलाने और नाबालिग लड़कियों को सेक्स रैकेट में धकेलने के लिए सजा सुनाई।
आरोपी को अनैतिक सेक्स रैकेट (निषेध) अधिनियम की संबंधित धाराओं में दोषी ठहराया गया था और सात वर्ष कैद की सजा सुनाई गई। उसे भादंसं की धारा 366 (ए) (नाबालिग लडक़ी को खरीदना) के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास की भी सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
महिला को नवी मुंबई के तुरभे इलाके से 26 नवम्बर 2011 को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने छापेमारी कर दो नाबालिग लड़कियों को सेक्स रैकेट में धकेलने से बचाया था। लोक अभियोजक संजय लोंधे ने अदालत को बताया कि आरोपी 14 वर्ष उम्र की नाबालिग लड़कियों को कोलकाता से 30-30 हजार रुपए में खरीदकर लाई थी और किराये के कमरे में उनसे वेश्यावृत्ति कराती थी, जिस पर पुलिस ने छापेमारी की।
सुनवाई के दौरान पीडि़ताओं ने अदालत को बताया कि उन्हें कोलकाता से खरीदा गया, नवी मुंबई लाया गया और देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया गया। उन्होंने बताया कि चकला घर से हुई आमदनी को महिला रख लेती थी।