शिवराज करा रहे हैं 6 मंत्रियों और 5 कांग्रेसी नेताओं के फोन टेप

भोपाल। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान व्यक्तिगत रूप से 6 मंत्रियों और 5 नेताओं के ना केवल फोन टेप करा रहे हैं बल्कि उनके इंटरनेट डाटा का रिकार्ड भी जमा किया जा रहा है और उनकी जीपीएस लोकेशन पर भी नियमित रूप से नजर रखी जा रही है। कांग्रेस ने इस मामले में आज पहली लिस्ट जारी की है। पढ़िए कांग्रेस की ओर से जारी अधिकृत बयान: 

मान्यवर पत्रकार बंधुओ,
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर भाजपा के 6 वरिष्ठ मंत्रियों और कांग्रेस के 5 नेताओं सहित लगभग एक दर्जन से अधिक नौकरशाहों के टेलीफोन (लेंड लाईन), मोबाईल फोन और इंटरनेट कनेक्शन की टेपिंग और काॅल डिटेल्स करायी/निकाली जा रही है। इंदौर बेस्ड एक अमेरिकी साफ्टवेयर कंपनी की मदद से म.प्र. सहित देश भर के तमाम लोगों के फोन टेपिंग और काॅल डिटेल्स कराने वाली विदेशी कंपनी ‘‘सपंदन-द आईटी प्लस’’ द्वारा 5000/- रूपयों में देश और प्रदेश की सुरक्षा बेची जा रही है।

उक्त गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के गृहमंत्री बाबूलाल गौर, वित्तमंत्री जयंत मलैया, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, स्वास्थ्य एवं संसदीय कार्य मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा और राज्य सभा सदस्य प्रभात झा के अतिरिक्त अ.भा. कांग्रेस के महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्वियजसिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव, नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा सहित लगभग एक दर्जन से अधिक नौकरशाहों के लेंडलाईन, मोबाईल फोन और इंटरनेट कनेक्शन की टेपिंग और काॅल डिटेल्स करायी/निकाली जा रही है।

मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार का यह कृत्य व्यक्तिगत निजता, आईटी-टेलीग्राफ एक्ट पीयूसीएल (People's Union for Civil Liberties) अधिनियमों और गाईड लाइनों का घोर उल्लंघन है। लिहाजा, इस बात की गहराई से जांच करायी जाये कि इस विदेशी कंपनी को सर्विस प्रोवाईडर का डाॅटा किसने, किससे, क्यों और किसलिए दिलवाया गया है? पूरे देश का जीपीएस, लोकेशन, फार्म की आईडी इत्यादि गुप्त जानकारियां किसके आदेश पर इस कंपनी को मुहैया करायी गई हैं?

मिश्रा ने सीधा आरोप लगाया है कि यह विदेशी कंपनी 5000/- रूपयों में किसी भी व्यक्ति के लेंड लाईन, मोबाईल फोन और इंटरनेट की टेपिंग और काॅल डिटेल्स रिकाॅड करने का व्यापार कर रही है और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इसके खरीददार हैं। विडंबना तो इस बात की है कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी प्रथम किस्त के रूप में आज जारी की जा रही इस सूची में कोई अपराधी किस्म का नाम शामिल नहीं है। सामान्यतः बड़े अपराधियों, आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न अपराधियों और राष्ट्र की सुरक्षा में सेंध लगाने वाली गतिविधियों के लिए ही गृह विभाग की अनुमति से ही इस तरह की कार्यवाही सिर्फ और सिर्फ इंटेलीजेंस विभाग ही कर सकता है, किंतु हाई प्रोफाइल लोगों की निजता में सेंध लगाने का काम राज्य सरकार और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए यह घिनौना कृत्य किया जा रहा है।

मिश्रा ने कहा कि गुरूवार, 14 मई, 2015 को सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज याचिका की जानकारी मुख्यमंत्री को पहले से ही लग गई थी। इसी कारण मंगलवार 12 मई, 2015 को प्रदेश मंत्री परिषद की संपन्न बैठक में उन्होंने अनौपचारिक तौर पर सभी मंत्रियों, उनके विशेष सहायकों और ओएसडी को भी इस बावत् सतर्क रहने की अनौपचारिक चर्चा कर अपने बचाव का रास्ता खोज लिया था।

कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री से पूछना चाहती है कि यदि उन्हें इस गंभीर अपराध की पूर्व जानकारी थी तो उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि किसी भी मंत्री की काॅल डिटेल्स व इंटरनेट की टेपिंग करने की मुख्यमंत्री के अलावा क्या किसी अन्य की हैसियत है, जो ऐसी कंपनियों को संपूर्ण डाॅटा उपलब्ध करा दें? हमारा सीधा आरोप है कि इस तरह के टेलीकम्यूनिकेशन डाॅटा का वाईलेशन प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा ही किया गया है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच करायी जाये, साथ ही प्रदेश और देश के सामरिक महत्वपूर्ण मुद्दों और आंतरिक्ष सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों की जानकारियां साइबर हेकर को कैसे पहुंच रही हैं, क्या यह सरकार की गुप्तचर एजेंसियों का नाकारापन साबित नहीं करती हैं?

मिश्रा ने एक और बड़ा रहस्योद्घाटन करते हुए कहा कि प्रदेश के नगरीय प्रशासन विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से व्यापमं घोटाले को लेकर जेल में बंद खनिज माफिया सुधीर शर्मा की कजरी डोंगरी जिला झाबुआ स्थित खदान से संबद्ध व्यावसायिक रिश्तों, खनिज संपदा के क्रय-विक्रय से संबंधित कम्प्यूटर रिकार्ड की जिन जानकारियों का आदान-प्रदान उनके पुत्र आकाश विजयवर्गीय और उनकी पुत्र वधु के जिस ई-मेल अकाउंट से हुआ था, वह जानकारी भी मुख्यमंत्री निवास से ही सार्वजनिक करायी गई थी।

कांग्रेस पार्टी की मांग है कि मुख्यमंत्री की संलिप्तता में हुए इस गंभीर किस्म के साइबर क्राइम जिसका संबंध प्रदेश और देश की सुरक्षा से भी है, की उच्च स्तरीय जांच करायी जाये, क्योंकि इस तरह का अंदेशा कांग्रेस पार्टी ने कुछ माह पहले ही लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को व्यक्त कर दिया था, क्योंकि राज्य सरकार के मुखिया के संरक्षण में पिछले पांच वर्षों से हो रहा इस तरह का साइबर अपराध होने के कारण आज किसी भी महत्वपूर्ण व्यक्ति का फोन, इंटरनेट कनेक्शन और उसकी प्रायवेसी अब सुरक्षित नहीं रह गयी है।    
             
भवदीय
के.के.मिश्रा
मुख्य प्रवक्ता

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