10वीं का हर दूसरा बच्चा फेल फिर भी खुश है मप्र सरकार

भोपाल। मप्र माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड भोपाल ने 10वीं का परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिया। एक बार फिर मप्र में हर दूसरा बच्चा फैल हो गया। परीक्षा परिणाम 49.79 प्रतिशत रहा, लेकिन सरकार खुश है कि इस वर्ष का रिजल्ट पिछले साल की तुलना में 2.05 प्रतिशत अधिक रहा। जरा केल्कुलेट तो कीजिए, 90 प्रतिशत परीक्षा परिणाम तक पहुंचने में हमें कितने साल लगेंगे। 

मप्र मेंं पिछले 10 सालों में मध्यप्रदेश ने तेजी से तरक्की की है। अब यह बीमारू राज्य से प्रगतिशील राज्य हो गया है। 'स्वर्णिम मध्यप्रदेश' कहा जाने लगा है लेकिन परीक्षा परिणामों में कोई प्रगति दिखाई नहीं देती। पढ़ाई का ढर्रा वैसा का वैसा ही है। शर्म का विषय है कि मात्र 2.05 प्रतिशत की प्रगति दर्ज हुई परंतु सरकार तो खुश है। 

शिक्षामंत्री श्री पारस जैन ने बताया कि इस साल दसवीं का परीक्षा परिणाम 49.79 प्रतिशत रहा है। यह पिछले साल 2014 के 47.74 प्रतिशत की तुलना में 2.05 प्रतिशत अधिक है। गत वर्ष की अपेक्षा नियमित छात्रों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 1.56 और छात्राओं का 2.62 प्रतिशत अधिक रहा है। इस वर्ष 49.45 प्रतिशत नियमित तथा 50.18 प्रतिशत नियमित छात्राओं ने परीक्षा उत्तीर्ण की। श्री जैन ने बताया कि परीक्षा में 8 लाख 30 हजार 742 नियमित विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे, जिनमें से 8 लाख 30 हजार 2 के परीक्षा परिणाम घोषित हुए। इनमें से 4 लाख 39 हजार 558 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।

उन्होंने बताया कि स्वाध्यायी विद्यार्थी की कुल संख्या 2 लाख 83 हजार 844 रही। इसमें 2 लाख 83 हजार 58 स्वाध्यायी परीक्षार्थी के परिणाम घोषित किये गये, जिसमें 39 हजार 712 उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार 14.02 प्रतिशत स्वाध्यायी विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। स्वाध्यायी छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 15.78 और छात्राओं का 13.24 प्रतिशत रहा है। श्री जैन के अनुसार नीमच जिले का परीक्षा परिणाम 69.57 प्रतिशत रहा, जो पहले स्थान पर है। मंदसौर जिला 68.98 प्रतिशत परिणाम के साथ दूसरे स्थान पर है। ग्रामीण क्षेत्र का परीक्षा परिणाम पिछले साल से लगभग 3.5 प्रतिशत बढ़ा है।

श्री पारस जैन ने बताया कि दसवीं की मेरिट-सूची में 34 विद्यार्थी ने स्थान प्राप्त किया, जो गत वर्ष से 3 अधिक है। मेरिट-सूची में 23 छात्र तथा 11 छात्रा ने स्थान प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि प्रथम, द्वितीय, तृतीय सभी श्रेणी में विगत वर्ष की अपेक्षा परिणाम में बढ़ोत्तरी हुई है। प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या एक लाख 84 हजार 239 (152 अधिक), द्वितीय श्रेणी में 2 लाख 13 हजार 736 (3591 अधिक) और तृतीय श्रेणी प्राप्त विद्यार्थियों की संख्या 54 हजार 958 (9686 अधिक) रही है। श्री जैन ने मेरिट-सूची में स्थान प्राप्त लगभग एक दर्जन विद्यार्थी को मेडल पहनाकर सम्मानित किया। 

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