इंदौर। श्री क्लॉथ मार्केट वैष्णव बाल मंदिर स्कूल ने पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) की किताबें लागू कर दी हैं। इससे पालकों का आर्थिक बोझ तो कम होगा ही, साथ ही पढ़ाई में भी समानता होगी।
जहां एनसीईआरटी की किताबें कम कीमत में बाजार में उपलब्ध हो जाती हैं तो वहीं प्राइवेट पब्लिशर इन्हीं किताबों की मोटी रकम वसूलते हैं। प्राइवेट पब्लिशरों से सांठ-गांठ होने के कारण स्कूल मालिक चिन्हित पब्लिशरों की किताबें अपने स्कूल में लागू कर देते हैं। इससे वही किताबें खरीदना पालकों की मजबूरी हो जाती है। इन किताबों के दाम इतने ज्यादा होते हैं कि पालकों को सिलेबस खरीदने में पसीना आ जाता है।
NCERT की किताबों में किसी तरह की कमी नहीं
स्कूल की प्रिंसिपल सुषमा बड़जात्या का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों में किसी तरह की कोई कमी नहीं है। इसलिए हमने इसे लागू किया है। यदि पहले से बुकिंग करा दी जाए तो किताबों की उपलब्धता भी आसानी से हो जाती है।
देखिए इतना है दामों में अंतर
उदाहरण के तौर पर हम यहां कक्षा 5वीं के किताबों का तुलना करें तो...
कक्षा 5वीं की एनसीईआरटी की 4 किताबें मात्र 200 रुपए में आ रही हैं। वहीं प्राइवेट पब्लिशर की कक्षा 5वीं का सिलेबस 1500 रुपए में आ रहा है। इसमें यदि कॉपी के 500 रुपए कम भी कर दिए जाएं तो 1000 रुपए की सिर्फ किताबें होती हैं, यानी सिर्फ किताबों के मूल्य में 1000 रुपए का अंतर है।
किसी पालक को बाध्य नहीं कर सकते
स्कूल संचालक किसी भी पालक को किसी एक दुकान से किताबें खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। प्राइवेट पब्लिशर की किताबों के मामले में सीबीएसई को ही नियम बनाना होगा।
किशोर शिंदे, जिला शिक्षा अधिकारी