इंदौर। एमपीपीएससी के माध्यम से हो रही डेंटिस्ट की चयन प्रक्रिया विवादों में आ गई है। एमपीपीएससी ने इस मामले में अपनी चयन प्रक्रिया ही बदल दी है। अब अभ्यर्थी हंगामा कर रहे हैं।
मप्र लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) ने दंत शल्य चिकित्सक 2013 की नियुक्ति के लिए सितंबर 2013 में विज्ञापन जारी किया था, इसमें आवेदकों के साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति देने का उल्लेख था। इसमें आयोग ने संशोधन करते हुए पहले लिखित परीक्षा 14 जून 2015 को कराने की बात कही है।
इतनी है फीस
आयोग ने आवेदकों को अलग से परीक्षा शुल्क जमा कराने के लिए कहा है। परीक्षा में सिर्फ वे ही प्रतिभागी शामिल हो सकेंगे जो पूर्व में ऑनलाइन आवेदन करने के साथ अब परीक्षा शुल्क भी जमा करा रहे है। एससी, एसटी व ओबीसी आवेदकों के लिए 250 रुपए और सामान्य श्रेणी के आवेदकों को 500 रुपए 12 मई से पूर्व एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर जमा कराना होंगे।
डेढ़ साल इंतजार
डेढ़ साल बाद चयन प्रक्रिया शुरू होने के ठीक पहले आयोग द्वारा परीक्षा कराने की घोषणा का आवेदक विरोध कर रहे है। आवेदकों का कहना है कि परीक्षा की जानकारी पदों की घोषणा होने के साथ दी जाती तो तैयारी की जा सकती थी। कम समय में लिखित परीक्षा की तैयारी कैसे होगी।
यह है विवाद
पीएससी ने परीक्षा के लिए जो विज्ञापन दिया है उसे भी विवाद बताया गया है। इसमें मप्र लोक सेवा आयोग की जगह पीएससी के लोगो के साथ मध्य प्रदेश सेवा आयोग लिखा है, जबकि दंत शल्य चिकित्सक की जगह दंत शुल्क चिकित्सक कर दिया गया। विज्ञापन में हुई गलतियों व पैटर्न में बदलाव पर बुधवार को आवेदन पीएससी अधिकारियों से मिलकर सुधार की मांग करेंगे।