ग्वालियर। लोकायुक्त के सेवानिवृत्त डीएसपी रामलखन सिंह भदौरिया की आय से अधिक संपत्ति के मामले में विशेष कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश लोकायुक्त को दिए हैं। कोर्ट ने 22 मई तक जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
केदारीलाल वैश्य ने विशेष अपर सत्र न्यायाधीश सभापति यादव के यहां एक परिवाद दायर किया है। इसमें बताया गया है कि लोकायुक्त के पूर्व डीएसपी रामलखन सिंह भदौरिया 1 जुलाई 1979 को एसआई के पद पर भर्ती हुए थे। उन्होंने 1979 से 1994 तक वेतन से 2 लाख 22 हजार 300 रुपए की आय अर्जित की है, लेकिन इस बीच उन्होंने करीब 35 लाख रुपए की संपत्ति अर्जित की है। यह आय से 1500 गुना अधिक है।
इनकी शिकायत लोकायुक्त भोपाल व एसपी लोकायुक्त ग्वालियर से की, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट ने इस परिवाद पर लोकायुक्त से जवाब मांगा था। लोकायुक्त ने बताया था कि भदौरिया 31 जुलाई 2014 को सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन 5 अगस्त 2014 को लोकायुक्त शिकायत प्राप्त हुई थी।
जब यह शिकायत आई थी तब वे लोक सेवक नहीं रहे थे। इसलिए लोकायुक्त को जांच का अधिकार नहीं है। साथ ही जांच के लिए अभियोजन की स्वीकृति नहीं नहीं मिली थी, जबकि परिवादी की ओर से लोकायुक्त जवाब पर काउंटर करते हुए कोर्ट को बताया कि सेवा निवृत्त अधिकारी या कर्मचारी की जांच के लिए अभियोजन की जरूरत नहीं होती है। इस संबंध में हाईकोर्ट का एक आदेश कोर्ट में पेश किया गया।
कोर्ट ने यह दिए निर्देश
रामलखन सिंह भदौरिया की जांच के लिए अभियोजन की स्वीकृति की जरूरत नहीं है। भदौरिया के सेवाकाल में अर्जित संपत्ति की जांच की जा सकती है।
लोकायुक्त की ओर से भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत भदौरिया पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।
