भोपाल। मुरैना में अवैध खनिज परिवहन रोकने की कोशिश करने वाले पुलिस जवान धर्मेंद्रसिंह चौहान की मौत के मामले में डीजीपी सुरेन्द्र सिंह ने जांच से पहले ही रेत माफिया को क्लीनचिट दे दी। उन्होंने कहा कि यह हत्या नहीं, दुर्घटना है। उधर, मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन की घोषणा की है। अब सवाल यह है कि जब डीजीपी ने ही क्लीनचिट दे दी तो एसआईटी क्या करेगी।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक ली। इममें डीजीपी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह 4.30 बजे रेत के डंपर को रोकने के प्रयास में जवान डंपर में ड्राइवर साइड जाकर ट्रक पर लटक गया और ड्राइवर को गाड़ी रोकने को कहा। इसी दौरान ड्राइवर ने डंपर को बैक किया।
पीछे गड्ढा होने से डंपर का पहिया उसमें चला गया और पलट गया जिससे जवान उसके नीचे दब गया। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि यदि ऐसा है तो ड्राइवर को क्यों नहीं पकड़ा गया। इस पर सिंह ने कहा कि हादसे के बाद सब लोग जवान को बचाने में लग गए, इसका फायदा उठाकर ड्राइवर भाग गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कुछ नहीं जानता, इस पूरे मामले की एसटीएफ से बारीकी से जांच कराई जाए। उन्होंने हर हाल में जांच 15 दिन में पूरी करने को कहा। मुख्यमंत्री ने शहीद जवान के परिजन को उनके सेवाकाल का पूरा वेतन, 10 लाख रु. की आर्थिक सहायता तथा शहीद फंड से एक लाख रु. नकद राशि देने को भी कहा। शहीद के बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था भी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा शहीद की पत्नी चाहेंगी तो उन्हें अनुकंपा नियुक्ति भी दी जाएगी।