भोपाल। दमोह के CMHO डॉ. ओपी गौतम का शुक्रवार बड़ा भारी निकला। इस दिन की शुरूआत लोकायुक्त के छापे से हुई और शाम ढलते ढलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। CMHO डॉ. ओपी गौतम एक कर्मचारी को बहाल करने के एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे थे। ना देने पर बहाल नहीं कर रहे थे।
सीएमएचओ डॉ. ओपी गौतम पिछले एक साल से दमोह जिले में पदस्थ हैं। इस दौरान उन पर कई बार कर्मचारियों को बेवजह निलंबित करने और रुपए लेकर बहाल करने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि ठोस साक्ष्य सामने नहीं आने के कारण वे बचते आ रहे थे। उन्होंने 10 फरवरी 2015 को नोहटा सेक्टर में निरीक्षण किया था।
इस दौरान सेक्टर सुपरवाइजर लीलाधर अहिरवार अपनी ड्यूटी पर नहीं मिला था। इस पर सीएमएचओ ने लीलाधर अहिरवार को निलंबित कर दिया था। निलंबन की बहाली के लिए सीएमएचओ ने लीलाधर से 50 हजार रुपए की मांग की थी। जब लीलाधर ने इतने रुपए देने में असमर्थता जताई तो सीएमएचओ ने 20 हजार रुपए में सौदा पक्का कर लिया था।
इधर सीएमएचओ से परेशान लीलाधर ने इस बीच लोकायुक्त सागर में सीएमएचओ की शिकायत कर दी थी। लोकायुक्त ने जाल बिछाकर पहले सीएमएचओ डॉ. गौतम को टेप किया। इस दौरान लीलाधर ने दो दिन पहले 8 अप्रैल को 10 हजार रुपए सीएमएचओ के घर जाकर दे दिए थे। शेष 10 हजार रुपए शुक्रवार की सुबह देना तय हुआ था। योजना के मुताबिक लीलाधर सुबह 10 बजे सीएमएचओ के सरकारी निवास पर पहुंचा और उसने उन्हें 10 हजार रुपए का नोटों से भरा लिफाफा जैसे ही दिया और सीएमएचओ ने उस लिफाफ को अपने कुर्ते की जेब में डाला, तभी लोकायुक्त टीम ने छापा मारकर उनके हाथ केमिकल से धुलवा दिए। हाथों का रंग लाल होते ही डॉ. गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया। सीएमएचओ के कब्जे से 500-500 रुपए के 20 नोट कुल 10 हजार रुपए बरामद किए गए है। उनका कुर्ता उतरवाकर भी उसे जब्त कर लिया गया है।
यह पूरी कार्रवाई लोकायुक्त सागर के निरीक्षण एचएल चौहान, केके अग्रवाल, विजय परस्ते, चंद्रेश मिश्रा, प्रधान आरक्षक राजकुमार सेन, आरक्षक नौशाद कुरैशी, प्रदीप खरे, आशुतोष ब्सास, ओम पाठक, संजय अग्निहोत्री शामिल रहे।
