इंदौर। यहां जिला शिक्षा अधिकारी ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के अधिकारों पर अतिक्रमण करते हुए उनके पंचायत विभाग के अधीन सेवाएं देने वाले अध्यापकों का ट्रांसफर आदेश जारी कर दिया। अब कहते हैं कि अधिकृत अनुमोदन के बाद आदेश जारी किया गया है।
इंदौर में 60 अध्यापकों को यहां से वहां किया गया है। ये वो अध्यापक हैं जिनकी सेवाएं पंचायत विभाग के तहत आतीं हैं और शिक्षा विभाग को इनके ट्रांसफर या प्रमोशन का अधिकार ही नहीं है। बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी ने इनके तबादले कर डाले।
डीईओ किशोर शिंदे के मुताबिक अध्यापकों के ट्रांसफर का अधिकार तो जिला पंचायत का ही है लेकिन हमने जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर के अनुमोदन के बाद ही आदेश जारी किया था। उच्च अधिकारियों के आदेश के बाद ही युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई की गई है।
सवाल सिर्फ इतना सा कि क्या कोई अधिकारी किसी दूसरे विभाग के अधिकारी अपनी प्रशासनिक शक्तियों की पॉवर आफ अर्टानी दे सकता है। यदि नहीं तो फिर सीईओ जिला पंचायत और डीईओ के बीच क्या हुआ है।
