भोपाल। लोकतंत्र के मंदिर मप्र विधानसभा परिसर में सरकारी खर्चे पर संघ की विचारधारा से जुड़ा सम्मेलन आयोजित हो रहा है। संघ के अतिथियों को सरकारी खर्चे पर एशो आराम के तमाम साजो सामान उपलब्ध कराए गए हैं। उन्हें राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया है।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष मानक अग्रवाल ने कहा है कि मप्र का स्टेट गेस्ट का दर्जा मजाक बनकर रह गया है। मप्र सरकार द्वारा नियमों के अनुकूल किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति को स्टेट गेस्ट बनाती है, उस व्यक्ति पर मप्र में जो भी खर्च आता है वह राज्य सरकार वहन करती है।
सरकारी धन का दुरूपयोग करना कोई भाजपा सरकार से सीखे, क्योंकि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने भोपाल में 17 से 19 अप्रैल तक आयोजित हो रहे मूल्य आधारित जीवन सम्मेलन में आरएसएस और उनकी विचारधारा के लोग ही शामिल हो रहे हैं, जिन व्यक्तियों को मप्र सरकार ने स्टेट गेस्ट का दर्जा दे दिया है, उनके ऊपर लाखों रूपयों की धनराशि खर्च होगी, जो मप्र की जनता की गाढ़ी कमाई का सीधा-सीधा दुरूपयोग है।
श्री अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि सम्मेलन की आड़ में संघ की विचारधारा वाले लगभग 100 से अधिक लोगों को न केवल तीन दिन अलीशान होटलों में ऐशो आराम कराया जाएगा, बल्कि उनको मानदेय भी दिया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस सम्मेलन में करोड़ों रूपये खर्च होंगे।
श्री अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ मप्र विधानसभा मप्र के 10 साल तक मुख्यमंत्री रहे और अभा कांग्रेस के महासचिव दिग्विजयसिंह जी को विधानसभा में प्रेस से बातचीत करने की विधानसभा सचिवालय अनुमति नहीं देता है, जबकि दिग्विजय सिंह उसी विधानसभा के सदस्यों द्वारा निर्वाचित राज्य सभा सदस्य हैं। श्री सिंह ने राज्यसभा की पूरी प्रक्रिया उसी विधानसभा में की है, जिस विधानसभा ने उन्हें प्रेस से बातचीत करने की अनुमति नहीं दी थी।
दूसरी ओर आरएसएस की विचारधारा को आगे बढ़ाने की आड़ में मप्र सरकार मूल्य आधारित जीवन का तीन दिवसीय आयोजन कर रही है, जिसमें स्तरहीन लोग विधानसभा में पहुंचकर तीन दिन तक कुछ भी करेंगे, लेकिन प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को अनुमति नहीं दी गई थी। मप्र सरकार कह रही है कि यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय हो रहा है तो सरकार बतायें कि एक-दो देशों के प्रतिनिधियों को छोड़कर अन्य कितने देशों के लोग भागीदारी कर रहे हैं, स्पष्ट करें। सिर्फ भ्रम फैलाकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के नाम पर वाहवाही लूटने का शिवराजसिंह चैहान का सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का यह अनूठा उदाहरण है।
स्टूडेंट्स को सौंपी आवभगत की जिम्मेदारी
श्री अग्रवाल ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्व विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के परिजनों ने यह बताया है कि उनके बच्चों का इस आयोजन में बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है, उनके शैक्षणिक उपक्रम से कोई लेना-देना नहीं। बच्चों को एक-एक स्टेट गेस्ट का दर्जा प्राप्त करने वाले संघियों की आवभगत में तैनात किया जा रहा है। विश्व विद्यालय के छात्रों से माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्व विद्यालय के कुलपति बी.के. कुठियाला ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे मेहमानों की आवभगत तो करें, लेकिन विश्व विद्यालय उन्हें किसी भी तरह की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करायेगा, चाहे खाना हो अथवा ड्रेस कोड का पैसा। कुलपति ने विद्यार्थियों को निर्देश दिये हैं कि वे तीन दिन ड्रेस कोड में ही रहेंगे। अब बच्चों के सामने धर्म संकट यह है कि वे कुलपति की बात मानें या अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें।
