इंदौर। खाद्य विभाग में मंगलवार को सर्वे के खिलाफ सैकड़ों शिक्षकों ने हल्ला बोल दिया। सभी ने सर्वे के लिए दी हुई सामग्री भी विभाग में फेंक दी।
कुछ दिन से खाद्य विभाग ने तीन सौ शिक्षकों की ड्यूटी राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने के सर्वे में लगा रखी है। इससे शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि ड्यूटी लगाने से पहले अधिकारियों ने सर्वे सूची की विसगंतियां देखी ही नहीं।
हरीश बोयत, प्रवीण यादव और दिनेश शर्मा ने बताया कि शिक्षकों को यह सर्वे तीन दिन में खत्म करने के लिए कहा था, लेकिन सर्वे सूची में काफी गड़बड़ियां हैं। अधिकारियों को शिकायत भी की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते सभी शिक्षकों ने कलेक्टोरेट स्थित खाद्य विभाग में सामग्री जमा करवा दी। कुछ शिक्षकों ने परेशान होकर सामान फेंका और सर्वे का बहिष्कार किया।
महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत
सर्वे करने वालों में ज्यादातर महिला शिक्षक हैं। शिक्षकों का कहना है कि जहां सर्वे के लिए कहा गया है, वह सघन बस्ती है। कई बार यहां सही व्यवहार नहीं होता। सर्वे में जिन राजस्व निरीक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है उनके अधिनस्थ 20-22 प्रगणक दे रखे गए हैं। इस कारण समस्या हल करने में काफी दिक्कत होती है। अगर किसी क्षेत्र में प्रगणक नहीं पहुंचते हैं तो उस क्षेत्र में नए प्रगणक की व्यवस्था भी राजस्व निरीक्षकों को ही करना पड़ती है। कर्मचारियों के कम होने से जो काम तीन दिन में खत्म होना था, वह आगे बढ़ गया है। इससे राजस्व निरीक्षकों द्वारा किए जाने वाला काम भी प्रभावित हो रहा है।
हमें निलंबित कर दो
खाद्य विभाग में हो रहे हंगामे को रोकने के लिए एसडीएम व उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष टैगोर व जिला आपूर्ति नियंत्रक सुकृति सिंह ने बहुत प्रयास किए, लेकिन शिक्षकों ने नहीं सुनी। महिला शिक्षकों ने उनसे यह तक कह दिया कि साहब हम लोग बहुत परेशान हो गए हैं। आप तो हमें निलंबित कर दो।