भोपाल। जिस पेनड्राइव को असली बताकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर व्यापमं घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा था, वो तो फर्जी निकली। यहां बता दें कि यह पेनड्राइव व्यापमं घोटाले के व्हिसिलब्लोअर द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में यह कहते हुए जमा कराई थी कि जिस एक्सेल शीट पर जांच हो रही है उसमें छेड़छाड़ की गई है जबकि असली डाटा इस पेनड्राइव में है। इसी मामले को लेकर दिग्विजय सिंह ने काफी दिनों तक मीडिया में फुटेज बटोरे और शिवराज सिंह चौहान पर कई गंभीर आरोप भी लगाएं
जबलपुर हाईकोर्ट में आज पेश जांच रिपोर्ट रिकार्ड पर ले ली गई। उसको देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर व आलोक आराधे की रिवीजन बैंच ने पाया कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट सही है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट से सीलबंद लिफाफे में जो पेनड्राइव आई थी और जिसके असली होने की दावा किया गया था वह फर्जी है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में मांग की है कि भ्रमित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी जाए।