राज्यपाल ने फिर दिया साम्प्रदायिक बयान

एटा। धर्मांतरण और अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर बयान देकर सुर्खियां बटोर चुके यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने एक और विवादित बयान दे दिया है. कासगंज में एक धार्मिक आयोजन के दौरान राज्यपाल ने कहा कि भारतीयों के जीवन में राम का डीएनए है.

गौरतलब है कि राज्यपाल के संवैधानिक पद पर आसीन होने के बावजूद राम नाईक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अपने रिश्तों को जाहिर करने में जरा भी संकोच नहीं करते. वह रविवार को एटा के कासगंज के सैलई में एक धार्मिक आयोजन में शिरकत करने पहुंचे थे. धार्मिक आयोजन में प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा भी उनके साथ थे.

राम नाईक इससे पहले दिसंबर में फैजाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की वकालत कर चर्चा में आए थे. उन्होंने तब कहा था कि अयोध्या में जल्द से जल्द राम मंदिर बने, यह उनकी इच्छा है और उनकी यह इच्छा पूरी होनी चाहिए.

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब नाईक अपनी राम भक्ति‍ जाहिर कर चुके हैं. वह इससे पहले अयोध्या में भी इस बाबत एक बयान दे चुके हैं. अपने बयान में राम नाईक ने कहा था कि भारत के हर नागरिक के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर राम मंदिर कब बनेगा? उन्होंने बताया भी था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में विचार करे रहे हैं और एनडीए राज के बाकी बचे वर्षों में ही राम मंदिर मुद्दे का हल सर्वसम्मति से निकाल लिया जाएगा.

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