पत्र अतिथि शिक्षक साथियों के नाम

Ankit Joshi. !!समस्त अतिथि शिक्षक साथियों!! अब हमारे अधिकार की अंतिम लड़ाई हमारे सामने है, हमें आवश्यकता हमारे हर हाथ की है। पुण्य सरिता का स्त्रोत श्रीमद् भागवत् गीता में भगवान् श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है अपने अधिकार के लिए खुद को ही युद्ध लड़ना होगा आवाज उठानी होगी|

मेरे साथियों मैनें पूर्व में भी कहा है संघ की शक्ति हमसे ही है, जब तक हम अपने अधिकारो के प्रति सचेत नहीं होंगे, एक नही होंगे, अतिथि शिक्षक संघ के समस्त सार्थक प्रयास निरर्थक ही रहेंगे। अतः मेरी समस्त अतिथि साथियो से विनम्र निवेदन है 10 मई को सभी अवश्य भोपाल आये और सरकार के समक्ष वो शक्ति प्रदर्शन हो की सरकार हमारा संख्या बल देखकर और इतने वर्षों की मेहनत का प्रतिफल हमारी मांगो को पूरा कर दे।

साथियो अंतिम प्रहार हे अगर ये अगर अब भी हम घर पर ही रहे तो यकीन मानिये अतिथि शिक्षक का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। अतिथि विद्वान् जो हमसे संख्या में कम है उनकी एकता और प्रदर्शन ने हमारे समक्ष एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है की अगर हम अपनी मांगो को पुरजोर तरीके से शासन के समक्ष रखे तो वो जरूर पूरी होगी।

अंत में बस इतना ही कहना चाहूँगा याद रखिये हम सत्य के लिए लड़ रहे है असत्य के लिए नहीं बस अब आप सभी का साथ चाहिए, हर अतिथि 10 मई को भोपाल में हो यही आशा और वीश्वास है साथ ही शास्त्री जी और संघ के समस्त पदाधिकारियो के इस प्रयास की सफलता के लिये ईश्वर से कामना करता हूँ।

आओ साथियो भोपाल......

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