कुख्यात डाकू घीसा बंजारा गिरफ्तार

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल संभाग में आतंक का पर्याय बने 15 हजार के इनामी डकैत घीसा बंजारा को आरोन के जंगलों की सिद्धखो में पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शाॅर्ट एन्काउंटर में घेरकर पकड़ लिया, उसके साथी भागने में सफल हो गये, पुलिस ने पत्रकारों को जानकारी दी कि उक्त डकैत रूपयों की बसूली करने आया था।

पूर्व में एक टेलीकाॅम कंपनी के इंजीनियर जयपाल खलको का अपहरण कर लिया था वह पुलिस लिस्ट में टी-44 नाम से लिस्टेड था, उस पर 15 हजार का इनाम था। एसएसपी संतोष सिंह ने पत्रकारों को बताया कि पिछले कई दिनों से डकैत घीसा को पकड़ने का जाल बिछा रहे थे। पुलिस दबाव के चलते घीसा शांत बैठा हुआ था। इस बीच रूपये खत्म होने पर वह आरोन क्षेत्र में बसूली के लिये आया था, पुलिस को सूचना लग गई और रणनीति बनाकर घीसा को घेर लिया।

अपने को घिरा देखकर घीसा डकैत ने फायरिंग की, पुलिस ने भी जबाव में फायरिंग की, पुलिस की संख्या ज्यादा देखकर उसके साथी फेरू, बलवीर और लालू भागने में सफल हो गये।

अपहरण के साथ हत्या का आरोपी भी
अपहरण के साथ हत्या का आरोपी भी घीसा डकैत है, करहिया, आरोन, गोपालपुर आदि थानों में कई मामले मारपीट, लूट डकैती, आर्म्स एक्ट, हत्या के दर्ज हैं।

महिला का किया दिन-दहाड़े अपहरण
सूत्रों का कहना हैं कि घीसा बंजारा ने 20 दिन पूर्व ही आरोन में रहने वाली महिला का अपहरण दिन दहाड़े गांव वालों के सामने किया था। महिला की छोटी बच्ची को परिजनों को सौंपकर एक हजार रूपये पालन के लिये दिये थे, इसके बाद घीसा महिला को जींस का पेंट पहनाकर अपहरण दिन दहाड़े किया था। डर के वजह से किसी ग्रामीण ने न तो रोका न शिकायत की। महिला घीसा डकैत की दूर के रिश्ते की साली लगती है।

पूर्व में घीसा की पत्नी हो चुकी गिरफ्तार
घीसा की पत्नी बैजंती उर्फ गुड्डा बाई 25 मार्च को करहिया थाना पुलिस द्वारा गांजे के साथ गिरफ्तार कर चुकी है। तथा गैंग के सदस्य बचनू उर्फ भारत बंजारा निवासी भीमबाड़ा करहिया, मानसिंह बघेल निवासी बढ़ को पुलिस पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है।

पैसे लेकर करता था चुनाव प्रचार
घीसा से पुलिस पूछताछ में पता चला कि हरसी के पास ग्राम बाजना-गाजना में अरविंद रावत नामक प्रत्याषी ने चुनाव कार्य में अपने पक्ष में प्रचार करने के लिये और विरोधियों को धमकाने के लिये घीसा को 50 हजार रूपये दिये थे। वहीं जखा गांव में एक अन्य प्रत्याषी ने विरोधियों को धमकाने के लिये घीसा को हथियार मुहैया कराने की बात की थी। लेकिन काम होने के बाद उस प्रत्याषी ने घीसा को हथियार मुहैया नहीं कराया था।

न्यायालय से हो चुका है आजीवन कारावास
पूर्व में थाना आरोन के अपराध क्रमांक 55/7 हत्या और डकैती अधिनियम की धाराओं में विशेष न्यायाधीश केपी सिंह ने 24 सितम्बर 2009 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, मां की मृत्यु होने पर पैरोल मांगा था, इस पर न्यायालय ने 27 फरवरी 2014 को 15 दिन की अंतरिम जमानत पर छोड़ा। इसके बाद घीसा ने जेल वापिस न जाकर फरार होकर गैंग बना लिया था।

अपहरण में 5 लाख फिरौती में से मिले 97 हजार
शिवपुरी गोपालपुरा थाने के रेलवे लाइन से रेल इंजीनियर जयपाल खलको के अपहरण में 5 लाख रूपये बसूली की थी, मध्यस्थ द्वारा मात्र 97 हजार ही घीसा को दिये थे, सूत्रों के अनुसार घीसा का साला मोहर सिंह भी दो साथियों के साथ गैंग बना चुका है।

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