नईदिल्ली। पूरी दुनिया को ईसाई बना लेने की मुहिम पर निकले ईसाई धर्मगुरू दूसरे धर्म के नागरिकों का धर्मांतरण तो बड़े मजे से कराते हैं परंतु जब कोई ईसाई धर्म बदलाता दिखता है तो जड़ों तक हिल जाते हैं। हम भारत में उनके धर्मचिन्हों का सम्मान करते हैं परंत वो अपने अमेरिका में 'स्वास्तिक' के प्रदर्शन मात्र से डर जाते हैं। यह मामला इसका जीवंत प्रमाण है।
अमेरिका की जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी हिंदुओं और बौद्धों के धार्मिक चिह्न ‘स्वास्तिक’ पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है। उसका कहना है कि यह नाजी प्रतीकचिह्न की तरह दिखता है और इससे यहूदी छात्रों की भावनाएं 'आहत' हो सकती हैं।
यहां 'आहत' से तात्पर्य प्रभावित होने से है।
यूनिवर्सिटी को यह विचार तब आया जब एक यहूदी छात्र भारत यात्रा से स्वास्तिक की तस्वीर लेकर लौटा। उसने यहूदी समुदाय के आवासीय हॉल के बुलेटिन बोर्ड में यह तस्वीर लगा दी। समुदाय के लोगों ने इसे खतरे की चेतावनी मानकर पुलिस को सूचित किया। हालांकि, मामला कुछ घंटों में ही सुलझ गया लेकिन तस्वीर लगाने वाले छात्र को बाहर निकाल दिया गया। यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष स्टीवन नैप ने कहा, ‘इस पूरे मसले को समीक्षा के लिए घृणा अपराध इकाई के पास भेजा जा रहा है।’
