भोपाल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 1 अप्रैल 2015 से द्विवार्षिक पर्यवेक्षण के तहत लक्ष्य आधारित मूल्यांकन प्रणाली जिले मे लागू होगी। इसके दायरे मे ग्राम रोजगार सहायक, उपयंत्री, सहायक यंत्री, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी,परियोजना अधिकारी के साथ संविदा पर पदस्थ अमले को रखा गया है।
महात्मा गांधी नरेगा ग्रामीण विकास पहली ऐसी योजना है जिसमे समय पर लाभ न देने पर सेवा समाप्त करने का स्पष्ट प्रावधान रखा गया है। यानी कि ग्रामवासियों एवं जॉबकार्डधारियों में से यदि न्यूनतम 60 प्रतिशत परिवारों को औसतन रोजगार उपलब्ध नही कराया जाता अथवा आवश्यक मानव दिवस सृजित नही होते तो संबंधित क्षेत्र के मनरेगा अमले के विरूद्व कार्यवाही होगी।