कर क्यों नहीं देते अतिथि शिक्षकों के भाग्य का फैसला

भोपाल। मप्र शासन के अफसर भी अब नेताओं की तरह काम करने लगे हैं। पहले बयान जारी कर देते हैं बाद में यू टर्न ले लेते हैं। शिक्षा संबंधी व्यवस्थाओं से जुड़े अफसरों का तो गारंटेड यही हाल है। पहले कहा प्राइवेट टीचर्स से कॉपी चैक नहीं कराएंगे, अब करा रहे हैं। पहले कहा अतिथि शिक्षकों की सेवाएं 31 मार्च 2015 को समाप्त कर देंगे, यदि किसी प्राचार्य ने काम किया तो वेतन जारी नहीं करेंगे। इसके बाद आदेश जारी नहीं किए। जिलों के अधिकारी परेशान हैं क्या करें, हटाने के आदेश नहीं आए इसलिए काम ले रहे हैं। अतिथि शिक्षक परेशान हैं, काम किया और वेतन नहीं मिला तो क्या होगा। समझ नहीं आता कि विषय को लटकाया क्यों जाता है, कर क्यों नहीं देते अतिथि शिक्षकों के भाग्य का फैसला।

पढ़िए यह खुलाखत समझ जाएंगे कि कितने कंफ्यूज हैं अतिथि शिक्षक :-

श्रीमान संपादक महोदय,
भोपाल समाचार मध्यप्रदेश

विषय: अतिथी शिक्षकों को शासन के निर्देश के अनुसार 31 मार्च तक सेवाएॅ देने बाबत्।

महोदय,
उपरोक्त विषय में संपादक से विनम्र निवेदन है। कि म0प्र0 शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने गत महीने में अतिथी शिक्षको का कार्यकाल 31 मार्च को समाप्त कर देने के निर्देश दिए परंतु अभी भी कुछ अतिथी शिक्षको ने स्कूल में जाना नही छोडा है एवं अतिथी शिक्षको में सशंय की स्थिति बनी हुई हैं क्योंकी शासन के निर्देश डी0ओ0 एवं बी0ओ0 कार्यलय तक नही पहुचे हैं एवं कोई भी अधिकारी /संकुल प्राचार्य इस विषय में चर्चा नही कर रहा हैं इस स्थिती में अतिथी शिक्षको की कोई भी नही सुन रहा है। यदि अतिथि शिक्षको को 31 मार्च तक ही रखना है। तो आदेश क्यो नही निकाल रही सरकार, इस स्थती में अतिथि शिक्षकों से 15 अप्रेल तक कार्य करवाया जाऐगा जिसका वेतन कौन देगा ।
मेरा संपादक महोदय से विनम्र निवेदन है कि मेरी बात को शासन तक पहुचाएॅ ताकी अतिथी शिक्षकों का शोषण होने से बचा जा सके ।

प्रेषक
निरंजन धनगर
अतिथी शिक्षक जिला नीमच इकाई


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