ग्वालियर। नैरोगेज ट्रेन से कुत्ते को बचाने के दौरान एक युवक की जान चली गई। कुत्ता तो बच गया, लेकिन युवक का शव ट्रेन के पहियों में उलझ गया। हादसा रविवार सुबह 9.30 बजे लक्ष्मण तलैया रेलवे क्रॉसिंग के पास हुआ। घटना से आक्रोशित लोगों ने ट्रेन को रोक दिया। क्षेत्रीय पार्षद चंदू सेन ने भी मौेके पर पहुंचकर विरोध जताया। वहीं, विधायक जयभान सिंह पवैया ने पीड़ित के परिवार को तत्काल 10 हजार की आर्थिक मदद भेजी। तहसीलदार ने भी मौके पर पहुंचकर 10 हजार की आर्थिक मदद दी।
डोंगरपुर पहाड़ी पर रहने वाला मनोज जोशी पुत्र रामेश्वर जोशी रविवार सुबह 9.30 बजे छोटी रेल लाइन के किनारे-किनारे जा रहा था। पीछे से सबलगढ़ जा रही छोटी ट्रेन आ रही थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार इसी दौरान मनोज को पटरी पर कुत्ता नजर आया। उसे ट्रेन की चपेट में आने से बचाने के लिए वह पटरी पर आ गया। पिल्ला तो बच गया, लेकिन 32 साल का मनोज ट्रेन में उलझ गया। ट्रेन का इंजन उसके ऊपर से निकल जाने के कारण शव के दो टुकड़े हो गए। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि रेल की पटरी के किनारे चल रहा मनोज जोशी ट्रेन के नजदीक आते ही रेल की पटरी पर लेट गया और ट्रेन से कटकर उसकी मौत हो गई। डोंगर के पास ही 10 दिन पहले 2 गायों की नैरोगेज से कटकर मौत हो गई थी।
2 घंटे खड़ी रही ट्रेन- हादसे से आक्रोशित नागरिकों ने ट्रेन रोक दी और पुलिस को शव भी बाहर निकालने नहीं दिया। पुलिस और प्रशासन के मौके पर पहुंचने पर स्थिति सामान्य हुई।
शनिदेव के नाम पर मांगता था दान
मनोज जोशी मूंगफली बेचता था और शनिवार को बाल्टी में शनिदेव की प्रतिमा रखकर घर-घर जाकर दान मांगता था। मनोज की 3 बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी 7 साल की दूसरी 5 साल की व सबसे छोटी 2 साल की है। पति के ट्रेन से कटने की सूचना मिलते ही मासूम बच्चियों के हाथ पकड़कर मौके पर आई मनोज की पत्नी रो-रोकर एक ही बात दोहरा रही रही थी कि अब इन बच्चियों का क्या होगा।
